नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने अपने भाई और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का मजबूती से बचाव करते हुए सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी पर सवाल उठाए हैं जिसमें कोर्ट ने कहा था कि “सच्चा भारतीय ऐसी बातें नहीं कहेगा।” प्रियंका ने दो टूक कहा कि यह तय करना कि कौन सच्चा भारतीय है, सुप्रीम कोर्ट का अधिकार नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि सरकार से सवाल पूछना राहुल गांधी की संवैधानिक जिम्मेदारी है।
“राहुल कभी सेना के खिलाफ नहीं बोल सकते”
प्रियंका गांधी ने कहा, “माननीय न्यायाधीशों के प्रति पूरा सम्मान रखते हुए मैं यह कहना चाहती हूं कि कौन सच्चा भारतीय है, यह न्यायपालिका तय नहीं कर सकती। विपक्ष के नेता के रूप में सरकार से सवाल पूछना राहुल की जिम्मेदारी है। मेरा भाई कभी भी सेना के खिलाफ नहीं बोल सकता, वह उनके प्रति अत्यंत सम्मान रखता है। लेकिन उसकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।”
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: “सच्चा भारतीय ऐसी बात नहीं कहेगा”
दरअसल, यह पूरा विवाद राहुल गांधी के ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान सेना और लद्दाख सीमा पर दिए गए बयान को लेकर है। सोमवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने तल्ख टिप्पणी की।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा:
“अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो ऐसी बात नहीं कहेंगे।”
कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब राहुल गांधी ने कहा था कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है। कोर्ट ने यह भी पूछा:
“आपको कैसे पता चला कि जमीन पर कब्जा हुआ है? क्या आप वहां थे? आपके पास कोई पुख्ता जानकारी है?”
राहुल की पैरवी में सुप्रीम कोर्ट में तर्क
राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि:
“विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी का कर्तव्य है कि वे जनता से जुड़े मुद्दों को उठाएं।”
“अगर वह प्रेस में छपी खबरों के आधार पर भी सवाल नहीं उठा सकते, तो विपक्ष का कोई मतलब नहीं रह जाता।”
सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा:
“यह भी संभव है कि एक सच्चा भारतीय कहे कि हमारे 20 सैनिक मारे गए, और यह भी चिंता का विषय है। यह बयान देशभक्ति से अलग कैसे हो सकता है?”
इस पर बेंच ने कहा, “सीमा पर संघर्ष में हताहत होना असामान्य बात नहीं है।” हालांकि, अंत में अदालत ने लखनऊ कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक जरूर लगा दी।
राजनीतिक हलकों में गर्माया मामला
यह मामला अब सियासी बहस का मुद्दा बन चुका है। एक ओर जहां भाजपा समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत किया है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अधिकारों पर सवाल बताया है।
कांग्रेस ने साफ कहा है कि राहुल गांधी ने जो सवाल उठाए हैं, वे सेना या राष्ट्रविरोधी नहीं हैं, बल्कि वे एक सांसद और विपक्ष के नेता के कर्तव्य के अंतर्गत आते हैं।