नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने चुनाव आयोग (EC) पर गंभीर सवाल उठाते हुए बीजेपी के प्रति पक्षपात का आरोप लगाया है। राहुल गांधी से हलफनामा (शपथपत्र) मांगने के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह कदम लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की गरिमा पर सवाल खड़ा करता है।
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा — “क्या चुनाव आयोग BJP के लिए काम कर रहा है? राहुल गांधी ने सिर्फ मतदाता सूची में गड़बड़ी की बात उठाई थी, जो जनता के अधिकारों से जुड़ा मुद्दा है। इसके जवाब में उनसे हलफनामा मांगना न सिर्फ अजीब है, बल्कि यह विपक्ष की आवाज़ दबाने का प्रयास भी है।”
पृष्ठभूमि : राहुल गांधी और मतदाता सूची विवाद
दरअसल, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया कि बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम गलत तरीके से जोड़े और हटाए गए हैं, जिससे चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हुई है।
इन आरोपों के बाद कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी से उन मतदाताओं के नामों की सूची और उनका हलफनामा मांगा है।
प्रियंका गांधी का पलटवार
प्रियंका गांधी ने कहा कि विपक्ष की ज़िम्मेदारी है कि वह जनता की आवाज़ संसद में उठाए और चुनावी पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग करे। उन्होंने सवाल किया कि जब विपक्ष इस दिशा में काम करता है, तो क्या चुनाव आयोग का काम विपक्ष की बात सुनना है या उसे डराना-धमकाना?
जनता के बीच उठे सवाल
प्रियंका गांधी की इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। कई यूज़र्स ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए, जबकि बीजेपी समर्थकों ने इसे एक “राजनीतिक बयान” बताया।
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव आयोग पर इस तरह के आरोप चुनावी माहौल को और तनावपूर्ण बना सकते हैं। हालांकि, पारदर्शिता और विश्वास बनाए रखने के लिए आयोग को अपने कदमों की स्पष्ट और सार्वजनिक व्याख्या करनी चाहिए।
निष्कर्ष
प्रियंका गांधी का यह बयान आने वाले दिनों में राजनीतिक गलियारों में गर्माहट बढ़ा सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग इस आरोप का क्या जवाब देता है और क्या यह मामला कानूनी मोड़ लेता है या नहीं।
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