नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुरुवार को इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम (World Leaders Forum) को संबोधित करते हुए भारत के आर्थिक सुधारों और भविष्य की योजनाओं पर जोरदार भाषण दिया। उन्होंने कहा कि भारत अब “नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म्स” की ओर बढ़ रहा है और देश की अर्थव्यवस्था में आई ताकत वैश्विक मंदी के दौर में एक आशा की किरण है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में ही भारतीय अर्थव्यवस्था की रेज़िलिएंस (Resilience) को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है। हम बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं।” उन्होंने इस success के पीछे बीते एक दशक में हुई मैक्रो-इकोनॉमिक स्थिरता को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने महत्वपूर्ण आंकड़े पेश करते हुए बताया:
वित्तीय घाटा (Fiscal Deficit) 4.4% तक सिमटने का अनुमान है।
मुद्रास्फीति (Inflation) नियंत्रण में है।
विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) मजबूत स्थिति में हैं।
हर महीने लाखों घरेलू निवेशक SIP के जरिए बाजार में निवेश कर रहे हैं।
जून में जॉब्स के रिकार्ड आंकड़े और अन्य उपलब्धियां
पीएम मोदी ने हाल में आए रिकार्ड आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया कि सिर्फ जून महीने में EPFO डेटा में 22 लाख नई फॉर्मल नौकरियां जुड़ी हैं, जो अब तक का सबसे ज्यादा आंकड़ा है। इसके अलावा अन्य उपलब्धियां हैं:
रिटेल महंगाई दर 2017 के बाद सबसे निचले स्तर पर।
सोलर PV मैन्युफैक्चरिंग क्षमता 2.5 गीगावॉट से बढ़कर 100 गीगावॉट पर पहुंची।
दिल्ली एयरपोर्ट दुनिया के ‘100-Million-Plus पैसेंजर क्लब’ में शामिल हो गया है।
S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने लगभग 2 दशक बाद भारत की क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड की है।
‘बस मिस’ करने का दौर खत्म: 5G, सेमीकंडक्टर और स्पेस सेक्टर में क्रांति
प्रधानमंत्री ने पुरानी सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले देश “मिसिंग द बस” (अवसर गंवाने) की राजनीति का शिकार रहा, जैसे 2G और 3G के मामले में। लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
“2014 के बाद भारत ने अपनी अप्रोच बदली… हम कोई भी बस छोड़ेंगे नहीं, बल्कि ड्राइविंग सीट पर बैठकर आगे बढ़ेंगे।”
इस नई सोच के नतीजे हैं:
5G: भारत ने अपना पूरा 5G स्टैक स्वदेशी विकसित किया और अब 6G पर काम कर रहा है।
सेमीकंडक्टर: इस साल के अंत तक पहली ‘मेड इन इंडिया’ चिप बाजार में आ जाएगी।
स्पेस सेक्टर: 2014 के बाद से 60 से अधिक मिशन पूरे हुए, जबकि उससे पहले 35 साल में सिर्फ 42 मिशन हुए थे। स्पेस डॉकिंग का सामर्थ्य हासिल किया गया है और प्राइवेट सेक्टर के लिए 300+ स्टार्टअप सक्रिय हैं।
मानसून सत्र में हुए बड़े सुधार
प्रधानमंत्री ने हाल ही में समाप्त हुए संसद के मानसून सत्र में पारित हुए सुधारों का जिक्र किया:
जन विश्वास 2.0: 300 से अधिक छोटे अपराधों को डी-क्रिमिनलाइज किया गया।
नया आयकर कानून: 60 साल पुराने कानून को सरल बनाया गया, जिसे आम नागरिक भी आसानी से समझ सके।
खनन, शिपिंग और खेल कानूनों में बड़े सुधार।
आगे का रास्ता: नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म्स और आत्मनिर्भर भारत
पीएम मोदी ने भविष्य की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार “इंक्रीमेंटल चेंज नहीं, बल्कि क्वांटम जंप” चाहती है। उन्होंने घोषणा की कि दिवाली तक GST में एक बहुत बड़ा सुधार किया जाएगा, जिससे यह और सरल होगा और कीमतें भी कम होंगी।
उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की सफलता को स्पीड, स्केल और स्कोप (गति, पैमाना और दायरा) के जरिए समझाया और कोविड काल में वैक्सीन वितरण, रेन्यूएबल एनर्जी में लक्ष्य से पांच साल पहले सफलता और रिकार्ड एक्सपोर्ट के उदाहरण दिए।
अपने संबोधन के अंत में उन्होंने दोहराया,
“हम ठहरे हुए पानी में किनारे पर बैठकर कंकड़ मारकर एंजॉय करने वाले लोग नहीं हैं, हम बहती तेज़ धारा को मोड़ने वाले लोग हैं… भारत समय को भी मोड़ देने का सामर्थ्य लेकर चल रहा है।”
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