Tuesday, December 23, 2025
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शिवाजी महाराज की जयंती पर पीएम मोदी ने किया नमन, बताया प्रेरणास्रोत

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। मराठा साम्राज्य के संस्थापक और शौर्य का पर्याय छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें नमन किया है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वीडियो पोस्ट कर मराठा शूरवीर के मूल्यों को प्रेरणा का स्रोत बताया।

पीएम मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “मैं छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर नमन करता हूं। उनकी वीरता और दूरदर्शी नेतृत्व ने स्वराज्य की नींव रखी, तथा कई पीढ़ियों को साहस और न्याय के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। वे हमें एक सशक्त, आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।” वीडियो में पीएम मोदी छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति पर माल्यार्पण और पुष्पार्पण करते दिख रहे हैं।

पीएम मोदी ने वीडियो में कहा, “मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज, ये सिर्फ नाम नहीं है, ये शब्द राजा महाराजा, राजपुरुष मात्र नहीं है। हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं। हमारे लिए हमारे आराध्य देव से बड़ा कुछ नहीं होता है। छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता, विचारधारा और न्यायप्रियता ने कई पीढ़ियों को प्रेरित किया। उनकी साहसिक कार्यशैली, सामरिक कौशल और शांतिपूर्ण राजनीतिक प्रणाली आज भी हमारे लिए प्रेरणास्रोत है। हमें इस बात का गर्व है कि दुनिया के कई देशों में आज भी छत्रपति शिवाजी महाराज की नीतियों की चर्चा होती है और उस पर शोध होता है। इतने वर्ष बाद भी उनके द्वारा स्थापित किए गए मूल्य हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखा रहे हैं। इन्हीं मूल्यों के आधार पर हमें अमृत काल की पच्चीस वर्षों की यात्रा पूरी करनी है। यह यात्रा होगी छत्रपति शिवाजी महाराज के सपनों का भारत बनाने में। यह यात्रा होगी स्वराज, सुशासन और आत्मनिर्भरता की। यह यात्रा होगी विकसित भारत की। मैं छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में कोटि कोटि नमन करता हूं।”

गौरतलब है कि शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की और मुगल शासकों के खिलाफ वीरता पूर्वक युद्ध लड़े। उनकी शौर्यगाथा इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखी गई है। हर मराठा उनके नाम को गर्व से याद करता है। उनकी वीरता न केवल महाराष्ट्र में, बल्कि पूरे देश में प्रेरणा का स्रोत मानी जाती है। शिवाजी महाराज एक कुशल प्रशासक, साहसी योद्धा और सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने मराठा साम्राज्य की नींव रखकर मुगलों को परास्त करने का संकल्प लिया। 19 फरवरी 1630 में जन्मे शिवाजी ने अपने जीवन भर मुगलों से लोहा लिया। उनका लक्ष्य था कि अपने राष्ट्र को मुगलों के नियंत्रण से मुक्त कराएं और उसे शक्तिशाली बनाएं।

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