नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में देश को संबोधित किया। उन्होंने कपड़ों की बात की। बताया कि कैसे टेक्सटाइल वेस्ट भारत के लिए चुनौती खड़ा कर रहा है और इससे निपटने के लिए क्या किया जा सकता है। पीएम मोदी ने कहा, ‘मन की बात’ में हम देशवासियों की उपलब्धियों के साथ ही अक्सर सामाजिक विषयों को भी उठाते हैं । कई बार चुनौतियों पर भी चर्चा होती है। इस बार ‘मन की बात’ में, मैं एक ऐसी चुनौती के बारे में बात करना चाहता हूं, जो सीधे हम सब से जुड़ी हुई है। ये चुनौती है ‘टेक्सटाइल वेस्ट’ की। पीएम मोदी ने कहा कि आप सोच रहे होंगे, ये टेक्सटाइल वेस्ट क्या नई बला आ खड़ी हुई है। दरअसल, टेक्सटाइल वेस्ट पूरी दुनिया के लिए नई चिंता की एक बड़ी वजह बन गया है। आजकल दुनिया भर में पुराने कपड़ों को जल्द-से-जल्द हटाकर नए कपड़े लेने का चलन बढ़ रहा है। क्या आपने सोचा है कि जो पुराने कपड़े आप पहनना छोड़ देते हैं, उनका क्या होता है? यही टेक्सटाइल वेस्ट बन जाता है। इस विषय में बहुत सारी ग्लोबल रिसर्च हो रही है। एक रिसर्च में यह सामने आया है, सिर्फ एक प्रतिशत से भी कम टेक्सटाइल वेस्ट को नए कपड़ों में रिसाइकिल किया जाता है—एक प्रतिशत से भी कम! भारत दुनिया का तीसरा ऐसा देश है, जहां सबसे ज्यादा टेक्सटाइल वेस्ट निकलता है। यानी चुनौती हमारे सामने भी बहुत बड़ी है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘लेकिन मुझे खुशी है कि हमारे देश में इस चुनौती से निपटने के लिए कई सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं। कई भारतीय स्टार्टअप ने टेक्सटाइल वेस्ट रिकवरी फैसिलिटी पर काम शुरू किया है। कई ऐसी टीमें हैं, जो कचरा बीनने वाले हमारे भाई-बहनों के सशक्तिकरण के लिए भी काम कर रही हैं। कई युवा साथी टिकाऊ फैशन के प्रयासों में जुड़े हैं। वे पुराने कपड़ों और जूते-चप्पलों को रिसाइकिल कर जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं। टेक्सटाइल वेस्ट से सजावट की चीजें, हैंड बैग, स्टेशनरी और खिलौने जैसी कई वस्तुएं बनाई जा रही हैं। कई संस्थाएं आजकल सर्कुलर फैशन ब्रांड को मशहूर करने में जुटी हैं। नए-नए रेंटल प्लेटफॉर्म भी खुल रहे हैं, जहां डिज़ाइनर कपड़े किराए पर मिल जाते हैं।” पीएम मोदी ने कुछ संस्थाओं का भी जिक्र किया जो कपड़ों को दोबारा पहनने लायक बनाती हैं। उन्होंने कहा कि कुछ संस्थाएं पुराने कपड़े लेकर उसे दोबारा उपयोग करने लायक बनाती हैं और गरीबों तक पहुंचाती हैं। साथियों, टेक्सटाइल वेस्ट से निपटने में कुछ शहर भी अपनी नई पहचान बना रहे हैं। हरियाणा का पानीपत टेक्सटाइल वेस्ट रिसाइक्लिंग के ग्लोबल हब के रूप में उभर रहा है। बेंगलुरू भी नवीन तकनीकी समाधान से अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। यहां आधे से ज्यादा टेक्सटाइल वेस्ट को जमा किया जाता है, जो हमारे दूसरे शहरों के लिए भी एक मिसाल है। इसी प्रकार तमिलनाडु का त्रिपुर वेस्ट मैनेजमेंट ट्रीटमेंट और नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से टेक्सटाइल वेस्ट मैनेजमेंट में जुटा हुआ है।
Discussed a topic of global importance – textile waste and how India’s youth is helping to overcome this challenge. #MannKiBaat pic.twitter.com/w1MYa9WTPr
— Narendra Modi (@narendramodi) March 30, 2025