तीन आतंकी मारे गए, एक की तलाश जारी, सेना का सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी
नई दिल्ली, 28 जुलाई (वेब वार्ता)। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना ने एक बार फिर बड़ी कामयाबी हासिल की है। श्रीनगर जिले के बाहरी इलाके लिदवास के घने जंगलों में सोमवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। इस कार्रवाई को सेना ने “ऑपरेशन महादेव” नाम दिया है।
सेना के मुताबिक मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया है, जबकि एक की तलाश अभी भी जारी है। यह ऑपरेशन पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े इनपुट्स के आधार पर किया गया है, जिसमें अप्रैल में 26 हिंदू पर्यटकों की जान गई थी।
कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन महादेव?
सेना को इनपुट मिला था कि लिदवास के जंगलों में चार आतंकी छिपे हुए हैं। इसके बाद 24 राष्ट्रीय राइफल्स और 4 पैरा की एक टीम ने इलाके को घेर लिया। सोमवार सुबह करीब 11:30 बजे मुठभेड़ शुरू हुई। आतंकियों ने खुद को घिरा देखकर गोलियां चलानी शुरू कर दीं, जिसके जवाब में सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया।
पहलगाम हमला और NIA की भूमिका
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरण घाटी में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 जानें गई थीं। हमलावरों ने धर्म पूछकर गोलीबारी की थी। इस जघन्य हमले की जिम्मेदारी पहले टीआरएफ (द रेसिस्टेंस फ्रंट) ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन है।
एनआईए ने इस हमले के सिलसिले में हाल ही में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इन्हीं की पूछताछ से मिले इनपुट के आधार पर यह ऑपरेशन अंजाम दिया गया।
बरामद हुए भारी हथियार
सेना ने मारे गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, हैंड ग्रेनेड और एक कम्युनिकेशन डिवाइस भी बरामद की है। शक है कि यही डिवाइस पहलगाम हमले में इस्तेमाल हुई थी।
सेना की सतर्क निगरानी
डाचीगांव इलाके में संदिग्ध गतिविधियों के चलते सेना की कई टुकड़ियां पहले से ही इलाके में निगरानी कर रही थीं। अब भी इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। सेना ने कहा है कि जब तक चौथा आतंकी नहीं पकड़ा जाता, ऑपरेशन महादेव जारी रहेगा।