नई दिल्ली, 26 फरवरी (वेब वार्ता)। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और क्यूंगपुक नेशनल यूनिवर्सिटी, कोरिया के बीच दोनों विश्वविद्यालयों में कोरियाई भाषा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सोमवार, 26 फरवरी को दिल्ली विश्वविद्यालय में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर, दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता और क्यूंगपुक नेशनल यूनिवर्सिटी के अंतर्राष्ट्रीय विकास संस्थान के निदेशक प्रोफेसर ह्वांग ह्वा-सेओक ने क्यूंगपुक नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि के रूप में दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया। इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कि दोनों विश्वविद्यालयों के बीच पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग की दिशा में दोस्ती की भावना से यह पहला कदम है।
डॉ. विकास गुप्ता ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के तहत, क्यूंगपुक नेशनल यूनिवर्सिटी कार्यक्रम के विकास और संचालन के लिए भाषा प्रयोगशाला एवं बुनियादी ढांचे के नवीनीकरण जैसे कार्यों हेतु दिल्ली विश्वविद्यालय को धन प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने एक कोरियाई भाषा प्रशिक्षक भी नियुक्त किया है तथा पूर्वी एशियाई अध्ययन विभाग से सालाना दस विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति की पेशकश करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। इसके तहत उन्हें क्यूंगपुक नेशनल यूनिवर्सिटी में विद्यार्थी विनिमय के रूप में भाग लेने की अनुमति मिलेगी। समझौता ज्ञापन (एमओयू) में यह उल्लिखित है।
यह समझौता ज्ञापन एक वर्ष तक प्रभावी रहेगा और अगले तीन वर्षों के लिए प्रतिवर्ष नवीनीकृत किया जाएगा। इस अवसर पर, जनसंपर्क अधिकारी अनूप लाठर, पूर्वी एशियाई अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर नबीन पांडा एवं कोरियाई अनुभाग के अन्य संकाय, इंटरनेशनल रिलेशन की चेयर पर्सन प्रो. नीरा अग्निमित्रा, प्रो. अनिल राय, डीन इंटरनेशनल रिलेशन (सामाजिक विज्ञान और मानविकी) और प्रोफेसर आशुतोष भारद्वाज, डीन इंटरनेशनल रिलेशन (विज्ञान और प्रौद्योगिकी) के साथ इंटरनेशनल रिलेशन के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।