-अडानी पर अमेरिकी जांच और ट्रंप की धमकी पर राहुल गांधी का पीएम मोदी पर हमला
नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के आगे झुकने की वजह अडानी के खिलाफ चल रही अमेरिकी जांच है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि मोदी सरकार की चुप्पी अडानी की वजह से मजबूरी बन गई है।
ट्रंप की टैरिफ नीति पर राहुल गांधी का प्रहार
राहुल गांधी ने कहा, “भारत, कृपया समझें, प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति ट्रंप की बार-बार की धमकियों के बावजूद उनके सामने खड़े नहीं हो पा रहे हैं, क्योंकि अडानी के खिलाफ अमेरिका में जांच चल रही है।” राहुल का इशारा अमेरिका में अडानी समूह से जुड़ी कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच की ओर था, जो कथित तौर पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार लेनदेन से संबंधित हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप द्वारा दी जा रही धमकी यह है कि अगर भारत रूस से तेल खरीद जारी रखता है तो उस पर और कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे। राहुल के मुताबिक, मोदी सरकार इन धमकियों का जवाब नहीं दे पा रही क्योंकि रूस से तेल खरीद और अडानी के बीच कथित वित्तीय संबंध पीएम मोदी के लिए “राजनीतिक जोखिम” बन चुके हैं।
ट्रंप का भारत पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ताजा बयान में कहा कि वह भारत से आयात पर 25 प्रतिशत के मौजूदा टैरिफ को “काफी हद तक” बढ़ाएंगे। उन्होंने भारत को “अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं” बताते हुए कहा कि भारत की रूस से सस्ते तेल की खरीद अमेरिकी हितों के खिलाफ है। ट्रंप ने भारत और रूस दोनों की अर्थव्यवस्थाओं को “डेड इकोनॉमी” करार दिया और चेतावनी दी कि अगले 24 घंटों में भारत पर टैरिफ और सख्त किए जाएंगे।
ट्रंप का यह रवैया 2024 अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की तैयारी के तहत अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करने के संकेत देता है।
विदेश मंत्रालय का जवाब: भारत की ऊर्जा सुरक्षा सर्वोपरि
भारत सरकार ने ट्रंप की धमकियों को “अनुचित और बेतुका” बताते हुए स्पष्ट किया है कि रूस से तेल की खरीद कोई राजनीतिक समर्थन नहीं बल्कि ऊर्जा सुरक्षा का मामला है। विदेश मंत्रालय ने 4 अगस्त को बयान जारी कर कहा, “भारत की रूस से तेल खरीदें हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं और राष्ट्रीय हितों के लिए हैं, न कि किसी भी तरह की वैचारिक सहानुभूति के लिए।”
मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा बहुपक्षीय और संतुलित व्यापार संबंधों को प्राथमिकता दी है, और अमेरिका सहित सभी देशों के साथ समानता के आधार पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मोदी की चुप्पी या रणनीति?
राहुल गांधी के आरोपों से राजनीतिक बहस फिर से तेज हो गई है। विपक्ष का कहना है कि पीएम मोदी ट्रंप की धमकियों पर कोई जवाब नहीं दे रहे, वहीं सरकार इसे एक “राजनयिक रणनीति” के रूप में देखती है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी चुनावी राजनीति और अडानी समूह के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठे सवालों ने भारत-अमेरिका रिश्तों को असहज बना दिया है।
निष्कर्ष
इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि भारत की विदेश नीति, घरेलू राजनीतिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जटिलताओं के बीच जूझ रही है। राहुल गांधी द्वारा पीएम मोदी पर अडानी के संदर्भ में लगाया गया यह आरोप ना सिर्फ राजनीतिक रूप से गंभीर है, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों के भविष्य को लेकर भी कई सवाल खड़े करता है।