नई दिल्ली/पेरिस, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांसीसी कंपनियों को भारत में निवेश और कारोबार के वातावरण में सुधार के लिए उठाए गए ठोस कदमों की जानकारी देते हुए रक्षा, ऊर्जा, राजमार्ग, नागर विमानन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य सेवा, फिनटेक और सतत विकास के क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया है।
फ्रांस की यात्रा पर गए श्री मोदी ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ पेरिस में 14वें भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को संबोधित किया। इस फोरम ने रक्षा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे, उन्नत प्रौद्योगिकी पर आधारित विनिर्माण, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (एआई), लाइफ साइंसेज, कल्याण एवं जीवन शैली और भोजन एवं आतिथ्य जैसे क्षेत्रों में परस्पर सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों की कंपनियों के विविध समूहों के मुख्य अधिशासी अधिकारियों (सीईओ) को जोड़ा गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार श्री मोदी ने अपने संबोधन में भारत में स्थिर राजनीतिक व्यवस्था और भरोसेमंद नितिगत वातावरण आधारित निवेश की एक आकर्षण जगह के रूप में भारत के आकर्षण पर प्रकाश डाला।
श्री मोदी ने इसी माह प्रस्तुत बजट 2025-26 में घोषित सुधारों का भी उल्लेख किया जिसमें बीमा क्षेत्र में शत-प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), लधु एवं सूक्षम परमाणु भट्ठी प्रौद्योगिकियों पर आधारित परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के क्षेत्र में निजी भागीदारी को छूट, सीमा शुल्क दर संरचना को तर्कसंगत बनाने तथा नई आयकर संहिता लागू करने जैसे फैसलों का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने भारत और फ्रांस के बीच व्यापार एवं आर्थिक सहयोग के विस्तार और इससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मिले प्रोत्साहन का उल्लेख किया।
उन्होंने आर्थिक सुधारों को जारी रखने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्वास आधारित आर्थिक शासन स्थापित करने के उद्देश्य से नियामक सुधारों के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है। इसी भावना के साथ, पिछले कुछ वर्षों में 40,000 से अधिक अनुपालनों को तर्कसंगत बनाया गया है।
उन्होंने फ्रांसीसी कंपनियों को रक्षा, ऊर्जा, राजमार्ग, नागर विमानन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य सेवा, फिनटेक और सतत विकास के क्षेत्रों में भारत की विकास गाथा द्वारा पेश किए गए अपार अवसरों की ओर देखने के लिए आमंत्रित किया।
भारत के कौशल, प्रतिभा एवं नवाचार और इसके द्वारा शुरू किए गए एआई, सेमीकंडक्टर, क्वांटम, क्रिटिकल मिनरल्स और हाइड्रोजन से संबंधित नए मिशनों को वैश्विक स्तर पर मिली सराहना और उनमें दिखाई गई रुचि को रेखांकित करते हुए, उन्होंने फ्रांसीसी उद्यमों से पारस्परिक विकास एवं समृद्धि के लिए भारत के साथ साझेदारी करने का आह्वान किया।
श्री मोदी ने नवाचार, निवेश और प्रौद्योगिकी-संचालित साझेदारी को बढ़ावा देने के बारे में फ्रांस के साथ भारत के सहयोग की प्रतिबद्धता को दोहराया ।
इस बैठक को फ्रांस के यूरोप एवं विदेश मामलों के मंत्री ज्यां-नोएल बैरोट और फ्रांस के अर्थव्यवस्था, वित्त तथा औद्योगिक एवं डिजिटल संप्रभुता मामलों के मंत्री एरिक लोम्बार्ड के साथ-साथ विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भी संबोधित किया।
इस बैठक में भारत की आरे से जुबिलियंट फूड्सवर्क्स/जुबिलियंट लाइफ साइंसेज के हरि भरतिया, उद्योग मंडल सीआईआई महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी, टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीआरएसएल) के उमेश चौधरी, भारत लाइट एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड के तेजप्रीत चोपड़ा, पी मफतलाल ग्रुप के विशद मफतलाल, बोट के अमन गुप्ता, दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डीआईसीसीआई) के मिलिंद कांबले, स्काईरूट एयरोस्पेस के पवन कुमार चंदना,अग्निकुल के श्रीनाथ रविचंद्रन,टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के सुकरन सिंह,यूपीएल ग्रुप के विक्रम श्रॉफ सुला वाइनयार्ड्स के राजीव सामंत, डायनेमैटिक टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, के उदयंत मल्होत्रा,टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (टीसीई) के अमित शर्मा और नायका की फाल्गुनी नैय्यर उपस्थित थीं ।
बैठक में फ्रांस की ओर से एयर बस,एयर लिक्विड,फ्रांसवा जैको, ब्लाब्लाकार, कैपजेमिनी ग्रुप, डैनोन, ईडीएफ, एजिस ग्रुप, एंजी ग्रुप, लोरियल, मिस्ट्रल एआई, नेवल ग्रुप, पेरनोड रिकार्ड, सफरान, सेर्विएर, टोटल एनर्जी एसई और वीकेट के प्रतिनिधि शामिल थे।