Monday, October 20, 2025
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़ें

मन की बात की 125वीं कड़ी: प्रधानमंत्री मोदी ने प्राकृतिक आपदाओं, खेल, UPSC प्रतिभा सेतु और स्वदेशी को लेकर साझा किए विचार

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ की 125वीं कड़ी में देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं, खेल, UPSC के नए ‘प्रतिभा सेतु’ पोर्टल, स्वदेशी उत्पादों और भारत की संस्कृति पर विशेष जोर दिया।

प्राकृतिक आपदाओं का जिक्र और एनडीआरएफ की सराहना

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में हाल ही में देशभर में आई बाढ़ और भूस्खलन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा:

“इन आपदाओं ने हर भारतीय को दुखी किया है। जिन परिवारों ने अपने प्रियजन खोए, उनका दर्द हम सबका दर्द है। राहत और बचाव कार्य में जुटे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और स्थानीय लोगों का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।”

पुलवामा का पहला डे-नाइट क्रिकेट मैच

मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आयोजित पहले डे-नाइट क्रिकेट मैच का जिक्र करते हुए कहा कि यह बदलते भारत की तस्वीर है। हजारों दर्शक और युवाओं का उत्साह इस आयोजन में देखने लायक था।

खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल – डल झील से नई पहचान

प्रधानमंत्री ने श्रीनगर की डल झील पर हुए पहले ‘Khelo India Water Sports Festival’ को ऐतिहासिक बताया। इसमें पूरे भारत से 800 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया।
उन्होंने खासकर ओडिशा की रश्मिता साहू और श्रीनगर के मोहसिन अली का नाम लेकर उनके अनुभव और सपनों को साझा किया।

UPSC अभ्यर्थियों के लिए ‘प्रतिभा सेतु’ पोर्टल

मोदी ने UPSC की तैयारी करने वाले प्रतिभाशाली छात्रों के लिए ‘प्रतिभा सेतु’ पोर्टल की घोषणा की। यह प्लेटफॉर्म उन उम्मीदवारों को नौकरी दिलाने में मदद करेगा जो मामूली अंतर से चयन सूची से बाहर हो जाते हैं।

शहडोल के युवा फुटबॉलर जर्मनी जाएंगे ट्रेनिंग के लिए

प्रधानमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश के शहडोल के युवा फुटबॉल खिलाड़ियों ने जर्मनी के कोच डाइटमर बायर्सडॉर्फर का ध्यान खींचा है। अब इन खिलाड़ियों को जर्मनी में ट्रेनिंग का अवसर मिलेगा।

देशभक्ति और शौर्य की कहानियां

मोदी ने जितेंद्र सिंह राठौड़ जैसे लोगों की देशभक्ति को सराहा, जो शहीदों की यादों को संजो रहे हैं। साथ ही, हैदराबाद मुक्ति संग्राम और सरदार पटेल के योगदान का भी उल्लेख किया।

सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भरता

प्रधानमंत्री ने बिहार की “सोलर दीदी” देवकी जी की कहानी साझा की, जिन्होंने सौर पंप के माध्यम से 40 एकड़ से अधिक भूमि की सिंचाई संभव की और किसानों की आय बढ़ाई।

इंजीनियर्स डे और विश्वकर्मा जयंती

मोदी ने इंजीनियर्स डे और विश्वकर्मा जयंती की बधाई देते हुए कहा कि पारंपरिक शिल्प और आधुनिक इंजीनियर दोनों ही भारत की प्रगति के स्तंभ हैं।

भारतीय संस्कृति का वैश्विक प्रभाव

प्रधानमंत्री ने इटली में महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा स्थापना, कनाडा में 51 फीट ऊँची भगवान राम की प्रतिमा और रूस में रामायण प्रदर्शनी जैसे उदाहरणों का उल्लेख कर कहा कि “भारतीय संस्कृति की गूंज अब दुनिया के हर कोने में सुनाई देती है।”

स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत का आह्वान

संबोधन के अंत में मोदी ने फिर दोहराया:

“उपहार वही जो भारत में बना हो, पहनावा वही जो भारत में बुना हो, सजावट वही जो भारत में बने सामान से हो। एक ही मंत्र है – Vocal for Local, एक ही लक्ष्य – आत्मनिर्भर भारत।”

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest

More articles