नागपुर, (वेब वार्ता)। महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने सोमवार को सत्याग्रह पदयात्रा की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि यह यात्रा संविधान की रक्षा और समाज में फैलाई जा रही नफरत के खिलाफ मोहब्बत का संदेश देने के उद्देश्य से निकाली गई है। तुषार गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उसके सहयोगी संगठनों पर समाज और राजनीति में नफरत फैलाने का आरोप लगाया।
तुषार गांधी ने कहा, “अगर नफरत बढ़ती रही तो यह देश की एकता और सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचा सकती है। इस पदयात्रा का उद्देश्य समाज में प्रेम, भाईचारा और सांविधानिक मूल्यों को मजबूत करना है।”
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने बताया कि यह पदयात्रा छुआछूत और भेदभाव के खिलाफ निकाली गई है। उनका कहना है कि यह यात्रा हर भारतीय को संविधान और सत्य-अहिंसा के सिद्धांतों के प्रति जागरूक करने और इन्हें अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।
सपकाल ने आगे कहा कि इस अभियान का मकसद समानता, सामाजिक समरसता और लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना है, ताकि भारत में लोकतंत्र और न्याय सुनिश्चित रह सके। तुषार गांधी की इस पदयात्रा को लेकर राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से लोगों में गहरी दिलचस्पी देखी जा रही है।