Thursday, March 13, 2025
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महाराष्ट्र की वयस्क आबादी से ज्यादा मतदाता, बात नहीं सुनी गई तो जाएंगे न्यायालय: राहुल

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की मदाता सूची में ‘विसंगतियां’ हैं और बार-बार आग्रह के बावजूद निर्वाचन आयोग की ओर से प्रदेश के मतदाताओं के डेटा उपलब्ध नहीं कराने से लगता है कि कुछ न कुछ गलत है।

राहुल गांधी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या राज्य की कुल वयस्क आबादी से ज्यादा है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के आंकड़े के अनुसार, राज्य की वयस्क आबादी 9.54 करोड़ है, जबकि मतदाताओं की संख्या 9.70 करोड़ है।’’

नेता प्रतिपक्ष (लोकसभा में) ने शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राउत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि यदि निर्वाचन आयोग डेटा उपलब्ध कराने की मांग नहीं मानता को अगला कदम न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाना होगा।

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को पारदर्शिता लानी चाहिए, महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों से जुड़ी पूरे राज्य की केंद्रीकृत मतदाता सूची उपलब्ध कराना उसकी जिम्मेदारी है।

निर्वाचन आयोग ने कहा कि वह महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या राज्य की कुल आबादी से अधिक होने के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों पर लिखित में पूरे तथ्यों के साथ जवाब देगा।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हमारी टीम ने मतदाता सूची और मतदान पैटर्न का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया है और हम कुछ समय से इस पर काम कर रहे हैं। दुर्भाग्य से हमें कई विसंगितयां मिलीं।’’

उन्होंने कहा कि देश के लिए, विशेषकर युवा लोगों के लिए जो लोकतंत्र के पक्षधर हैं और उसमें विश्वास करते हैं, इन निष्कर्षों से अवगत होना और समझना आवश्यक है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि पिछले साल लोकसभा चुनाव और फिर पांच महीने बाद हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच की अवधि में राज्य में हिमाचल प्रदेश की आबादी के बराबर की संख्या में मतदाता बढ़ गए।’’

उनके अनुसार, लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में पांच महीनों में 39 लाख मतदाता जुड़े, जबकि पिछले पांच वर्षों में 32 लाख मतदाता जुड़े थे।

उन्होंने सवाल किए कि ये मतदाता कहां से आए हैं और ये कौन हैं?

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हम आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन विपक्ष के बार-बार मांग के बावजूद निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र में मतदाताओं का डेटा उपलब्ध नहीं करा रहा है। इससे पता चलता है कि कुछ गलत है।’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘चुनाव आयोग अंतिम प्राधिकार है। वे हमें यह नहीं समझा पाएंगे कि महाराष्ट्र में राज्य की वयस्क आबादी से अधिक मतदाता कैसे हैं। इसलिए उन्हें हमें मतदाता सूची देनी होगी ताकि हम इस विसंगति को समझा सकें। मुझे यकीन है कि अगर वे हमें मतदाता सूची देते हैं, तो एक और संवाददाता सम्मेलन होगा जिसमें महत्वपूर्ण सवालों का जवाब दिया जाएगा।’’

उनका कहना था, ‘‘इसलिए हम चुनाव आयोग से लगातार पूछ रहे हैं और महाराष्ट्र में हमारे गठबंधन दल भी डेटा मांग रहे हैं। लेकिन उन्होंने केवल इसमें देरी की है, जिससे हमारे लोकतंत्र का नुकसान हुआ है।’’

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘चुनाव आयोग ने पांच महीने में महाराष्ट्र में पांच साल की तुलना में अधिक मतदाता क्यों जोड़े? 2024 के विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की पूरी वयस्क आबादी की तुलना में अधिक पंजीकृत मतदाता क्यों थे?’’

उन्होंने कहा, ‘‘कई उदाहरणों में से एक उदाहरण कामटी निर्वाचन क्षेत्र है, जहां भाजपा की जीत का अंतर जोड़े गए नए मतदाताओं की संख्या के लगभग बराबर है।’’

राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि, ‘‘अगर अब भी हमारी बात नहीं सुनी गई तो अगला कदम न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाना होगा।’’

उन्होंने दावा किया कि बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं और इनमें अधिकतर मतदाता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के हैं।

संजय राउत और सुप्रिया सुले ने भी कहा कि निर्वाचन आयोग को महाराष्ट्र के मतदाताओं का डेटा उपलब्ध कराना चाहिए।

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