कोलकाता, (वेब वार्ता)। कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की पीड़िता की मां ने शनिवार को गंभीर आरोप लगाए हैं कि पश्चिम बंगाल राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ की ओर आयोजित मार्च में शामिल होने के दौरान महिला पुलिसकर्मियों ने उनके साथ बदसलूकी की।
यह मार्च, उनकी बेटी की कथित दुष्कर्म के बाद हत्या की पहली बरसी के अवसर पर आयोजित किया गया था। पीड़िता की मां के अनुसार, पुलिस ने बिना किसी उकसावे के उन्हें रोका, उनके साथ हाथापाई की, जिससे उनका पारंपरिक शंख चूड़ी टूट गया और उनके सिर में चोट लग गई।
पीड़िता की मां ने भावुक स्वर में कहा —
“वे हमें इस तरह क्यों रोक रहे हैं? हम तो बस ‘नबान्न’ जाकर अपनी बेटी के लिए न्याय की गुहार लगाना चाहते हैं।”
मार्च में शामिल लोगों ने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की।
अदालत की अनुमति के बावजूद रोका गया मार्च
मृतक चिकित्सक के पिता ने भी आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण रैली के लिए अदालत से मंजूरी मिलने के बावजूद, पुलिस ने परिवार और समर्थकों को डोरीना क्रॉसिंग से आगे बढ़ने से रोका।
पुलिस ने रानी रश्मोनी रोड सभा स्थल से आगे न बढ़ने की चेतावनी दी थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने विद्यासागर सेतु की ओर बढ़ने की कोशिश की। अवरोधक तोड़ने के प्रयास में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने पार्क स्ट्रीट चौराहे पर लाठीचार्ज किया।
विपक्ष का विरोध और पुलिस की सख्ती
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल और अन्य भाजपा विधायक ‘पार्क स्ट्रीट – जवाहर लाल नेहरू रोड क्रॉसिंग’ पर धरने पर बैठ गए। भाजपा ने आरोप लगाया कि पुलिस कार्रवाई में 100 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं, जिनमें अधिकारी और पीड़िता के माता-पिता भी शामिल हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम, फिर भी झड़प
मार्ग पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम थे, लेकिन हावड़ा जिले के सांतरागाछी में भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ।
यह घटना न केवल पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था की स्थिति को लेकर भी गंभीर बहस छेड़ रही है।