Thursday, March 13, 2025
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मॉरीशस संसद की नई इमारत के निर्माण में भारत करेगा सहयोग : पीएम मोदी

पोर्ट लुईस/नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारत एवं मॉरीशस ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को ‘विस्तारित रणनीतिक साझीदारी’ का दर्जा देने के साथ स्थानीय मुद्राओं में कारोबार करने एवं आर्थिक अपराधियों को पकड़ने सहित आठ क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के करारों पर आज हस्ताक्षर किये और भारत ने उपहार के रूप में मॉरीशस की संसद के नये भवन का निर्माण कराने की घोषणा की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच इन समझौतों पर हस्ताक्षर के बाद आदान-प्रदान किया गया। दोनों नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी लोकसेवा एवं नवान्वेषण संस्थान, केप मल्हेरो में मॉरीशस क्षेत्रीय स्वास्थ्य केन्द्र तथा 20 अन्य सामुदायिक परियोजनाओं का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया जिन पर कुल 35.2 करोड़ मौरिशियन रुपए (6.63 करोड़ भारतीय रुपए) की लागत आयी है। इसके अलावा भारत ने मॉरीशस को सैंट ब्रेंडन द्वीप के नौवहन चार्ट को सौंपा जिसे भारतीय नौसेनिक पोत ने हाइड्रोग्राफी सर्वेक्षण के बाद तैयार किया है।

भारत और मॉरीशस ने आज जिन आठ सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली पर मॉरीशस के केंद्रीय बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच सहमति पत्र, पाइप प्रतिस्थापन कार्यक्रम के तहत केंद्रीय जल प्राधिकरण द्वारा कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए मॉरीशस सरकार और भारतीय स्टेट बैंक के बीच ऋण सुविधा समझौते पर सहमति पत्र, राजनयिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम पर भारतीय विदेश सेवा संस्थान और मॉरीशस के विदेश मामलों, क्षेत्रीय एकीकरण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्रालय के बीच सहमति पत्र, भारतीय नौसेना और मॉरीशस पुलिस बल के बीच व्हाइट शिपिंग सूचना के आदान-प्रदान पर तकनीकी समझौता, मॉरीशस के वित्तीय अपराध आयोग और भारत के प्रवर्तन निदेशालय के बीच समझौता ज्ञापन, मॉरीशस के उद्योग एसएमई और सहकारिता मंत्रालय और भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के बीच सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन, मॉरीशस के लोक सेवा और प्रशासनिक सुधार मंत्रालय और भारत के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के बीच लोक अधिकारियों के प्रशिक्षण पर समझौता ज्ञापन तथा भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र और मॉरीशस के प्रधान मंत्री कार्यालय के महाद्वीपीय शेल्फ, समुद्री क्षेत्र प्रशासन और अन्वेषण विभाग के बीच समझौता ज्ञापन शामिल हैं।

समझौता ज्ञापनों के आदान प्रदान के बाद संयुक्त प्रेस वक्तव्य में श्री मोदी ने अपने संबोधन में 140 करोड़ भारतीयों की ओर से मॉरीशस के सभी नागरिकों को उनके राष्ट्रीय दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की और कहा, “ये मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि मुझे दोबारा मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस पर आने का अवसर मिल रहा है। भारत और मॉरीशस का संबंध केवल हिंद महासागर से ही नहीं, बल्कि हमारी साझी सांस्कृतिक परंपराओं और मूल्यों से भी जुड़ा है।हम आर्थिक और सामाजिक प्रगति की राह पर एक दूसरे के साथी हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा हो या कोविड की विपदा, हमने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया है। रक्षा हो या शिक्षा, स्वास्थ्य हो या अंतरिक्ष, हम हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में हमने अपने संबंधों में कई नए आयाम जोड़े हैं। विकास सहयोग और क्षमता निर्माण में नए कीर्तिमान स्थापित किए गए हैं।

उन्होंने कहा, “आज, प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम और मैंने भारत-मॉरीशस साझीदारी को ‘विस्तारित रणनीतिक साझीदारी’ का दर्जा देने का निर्णय लिया है। हमने निर्णय लिया कि मॉरीशस में संसद का भवन बनाने में भारत सहयोग करेगा। यह लोकतंत्र की जननी की ओर से मॉरीशस को भेंट होगी।”

श्री मोदी ने कहा कि सामुदायिक विकास परियोजनाओं के दूसरे चरण में 50 करोड़ मौरीशियन रुपये के नई परियोजनाएं शुरू की जायेंगी। अगले पांच वर्षों में भारत में मॉरीशस के 500 प्रशासनिक अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। हमारे बीच स्थानीय मुद्राओं में आपसी व्यापार का निपटान करने पर भी सहमति बनी है।”

इस मौके पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी स्वतंत्रता की 57वीं वर्षगांठ के राष्ट्रीय दिवस समारोह में अपनी उपस्थिति से हमें सम्मानित किया है। उनकी विशिष्ट उपस्थिति हमारे दोनों देशों के बीच अद्वितीय और विशेष संबंधों का प्रमाण है।”

इससे पहले प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मॉरीशस के उप प्रधानमंत्री पॉल रेमंड बेरेंजर, मॉरीशस के विपक्ष के नेता श्री जॉर्जेस पियरे लेसजॉन्गार्ड तथा मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ से मुलाकात की और भारत-मॉरीशस संबंधों के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

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