Tuesday, December 23, 2025
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़ें

बिहार एसआईआर को लेकर इंडी गठबंधन का संसद परिसर में प्रदर्शन, चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। बिहार में जारी वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत कथित तौर पर वोटर लिस्ट से नाम हटाने और व्यापक अनियमितताओं के खिलाफ इंडी गठबंधन के सांसदों ने शुक्रवार को संसद परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी, राजद सांसद मनोज झा और टीएमसी सांसद सुष्मिता देव सहित कई विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

प्रदर्शन के बाद राजद सांसद मनोज झा ने चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आज हम गांधी जी के पास गए हैं। किसी बुजुर्ग के पास आदमी तभी जाता है, जब लोकतंत्र संकट में हो। लोकतंत्र आज वाकई परेशान है। हम चुनाव आयोग से फिर कहेंगे कि किसी के इशारे पर काम करना बंद करिए। बांग्लादेश का चुनाव आयोग आपका आदर्श नहीं होना चाहिए।

टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने भी एसआईआर प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि बिहार में चल रही एसआईआर प्रक्रिया के तहत 60 लाख से अधिक वोटरों को लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। यह लोकतंत्र की सीधी हत्या है। यह कैसे संभव है कि एक राज्य में 65 लाख फर्जी वोटर हों? इसमें डॉक्युमेंटेशन की गंभीर खामियां हैं। असम में हमने एनआरसी के लिए छह साल दस्तावेज दिखाए, लेकिन आज तक एनआरसी पूरा नहीं हुआ। ऐसे में एसआईआर इतनी तेजी से कैसे हो गया? यह प्रक्रिया ही संदेह के घेरे में है।

कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने जमीनी सच्चाई को उजागर करते हुए बताया कि सरकार और चुनाव आयोग के दावों में बहुत बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि 97 प्रतिशत वेरिफिकेशन हो चुका है, लेकिन सच्चाई यह है कि मात्र 25 प्रतिशत लोगों का ही फॉर्म सबमिट हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खुद वेबसाइट पर फॉर्म चेक नहीं कर सकते; उन्हें बीएलओ के पास जाना होता है। ऐसे में जब 75 प्रतिशत लोगों के फॉर्म ही सबमिट नहीं हुए, तो हम कैसे मान लें कि पूरा वेरिफिकेशन हो चुका है?

रंजीत रंजन ने आरोप लगाया कि भाजपा ने पहले से ही यह तय कर लिया है कि किनका नाम वोटर लिस्ट में रखना है और किनका हटाना है। उन्होंने आगे कहा कि 1 सितंबर तक का समय दिया गया है, लेकिन ज्यादातर लोग यह जानते ही नहीं कि उनका वोट बचा है या नहीं। गरीब और जागरूकता से वंचित तबके को इस प्रक्रिया में पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है।

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest

More articles