Thursday, August 7, 2025
Homeराष्ट्रीयमोहन भागवत का बयान: विविधताओं में एकता सिखाता है हिंदू धर्म, आज...

मोहन भागवत का बयान: विविधताओं में एकता सिखाता है हिंदू धर्म, आज की दुनिया को इसकी ज़रूरत

नागपुर, (वेब वार्ता)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को नागपुर में ‘धर्म जागरण न्यास’ के नए कार्यालय का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज का संघर्षों से भरा विश्व हिंदू धर्म से बहुत कुछ सीख सकता है, क्योंकि यह धर्म विविधता को स्वीकार करने की शिक्षा देता है और सबको अपनाने की भावना से ओत-प्रोत है।

उन्होंने कहा कि, “आज सम्पूर्ण विश्व को इस ‘धर्म’ की आवश्यकता है। विश्व अपनी विविधताओं को स्वीकार करते हुए जीना नहीं जानता, इसीलिए इतने संघर्ष हो रहे हैं।”

🕉️ हिंदू धर्म: एक सार्वभौमिक दृष्टिकोण

मोहन भागवत के अनुसार, हिंदू धर्म केवल एक धार्मिक व्यवस्था नहीं बल्कि मानवता की सार्वभौमिक भावना है, जो सभी को जोड़ने और एकता में बांधने का कार्य करती है।
“यह धर्म एकता और सभी विविधताओं को स्वीकार करना सिखाता है। हम इसलिए अलग नहीं हैं क्योंकि हम विविध हैं। यह धर्म यही हमें सिखाता है।”

भागवत ने जोर देकर कहा कि यह एक सार्वभौमिक धर्म (Universal Religion) है जिसे केवल इसलिए ‘हिंदू धर्म’ कहा गया क्योंकि इसे पहले हिंदुओं ने जाना और अपनाया।

⚖️ धर्म की परिभाषा: ईश्वर और समाज के प्रति कर्तव्य

उन्होंने कहा, “धर्म केवल ईश्वर की भक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के प्रति भी हमारा कर्तव्य है।”
भारत का इतिहास बताता है कि “धर्म की रक्षा के लिए अनगिनत बलिदान हुए हैं।”

उन्होंने हाल ही में आई फिल्म ‘छावा’ का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज जैसे महापुरुषों ने धर्म के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। लेकिन यह बलिदान केवल राजा-महाराजाओं तक सीमित नहीं रहा, आम नागरिकों ने भी सत्य और धर्म के लिए बलिदान दिया।

🌍 विश्व को चाहिए हिंदू धर्म जैसी सहिष्णुता

भागवत ने कहा कि आज दुनिया को ऐसा धर्म चाहिए जो हिंदू धर्म की तरह विविधताओं को समाहित करे।
“हम अलग-अलग दिख सकते हैं, पर हम सब एक हैं। यह अंतिम सत्य है जिसे धर्म सिखाता है।”
हिंदू धर्म यह भी सिखाता है कि विभिन्न मार्ग एक ही मंज़िल तक जाते हैं, इसलिए किसी पर जबरन अपने तौर-तरीके थोपने की आवश्यकता नहीं है।

💬 धर्म से मिलता है साहस और संकल्प

भागवत ने कहा कि धर्म के मार्ग पर चलना मनुष्य को संकट में साहस और दृढ़ निश्चय प्रदान करता है।
“यदि धर्म के प्रति आपकी प्रतिबद्धता दृढ़ है, तो आप कभी हिम्मत नहीं हारेंगे।”

उन्होंने यह भी कहा कि समाज की जिम्मेदारी है कि वह धर्म के मार्ग से लोगों को विचलित न होने दे। धर्म अपनत्व सिखाता है, और विविधताओं में एकता का भाव जाग्रत करता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments