नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। ऑपरेशन सिंदूर पर राज्यसभा में बुधवार (30 जुलाई) को दूसरे दिन भी चर्चा हुई। इस दौरान समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने सरकार पर आम लोगों से छल करने का आरोप लगाते हुए मांग की कि उसे पहलगाम हमले के पीड़ितों से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि जम्मू कश्मीर में सब कुछ सामान्य होने का दावा सरकार ने ही किया था। बच्चन ने ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर सवाल उठाकर विवाद भी खड़ा कर दिया। उन्होंने पूछा कि जब पहलगाम आतंकी हमले में इतनी सारी महिलाओं का “सिंदूर उजड़ गया” तो इसका नाम ऐसा क्यों रखा गया।
ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान राज्यसभा में बोलते हुए, जया बच्चन ने 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में मारे गए 26 निर्दोष लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान सबसे पहले पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा ‘‘यह अजीब सा लगता है कि आतंकियों ने किस तरह धर्म पूछ कर लोगों को उनके अपनों के सामने मार डाला।’’ उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों की पत्नियों, बहनों का सिंदूर तो उजड़ गया लेकिन सरकार ने जवाबी कार्रवाई का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखा। पता नहीं ऐसा नाम क्यों रखा?
सत्ता पक्ष को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा, “मैं आपको उन लेखकों के लिए बधाई देती हूँ जिन्हें आपने नियुक्त किया है। आप बड़े-बड़े नाम रखते हैं। आपने इसका नाम ‘सिंदूर’ क्यों रखा? सिंदूर तो उजड़ गया, मारे गए लोगों की पत्नियों का।” बच्चन अपने संबोधन के दौरान उस समय नाराज हो गईं, जब सत्ताधारी पार्टी के सांसदों ने उनके भाषण के बीच टोका-टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “या तो आप बोलें या मैं बोलूँगी। जब आप बोलते हैं, तो मैं बीच में नहीं बोलती। जब कोई महिला बोलती है, तो मैं कभी बीच में नहीं बोलती। इसलिए कृपया अपनी ज़ुबान पर काबू रखें।”
प्रियंका मुझे कंट्रोल मत कीजिए
इसी दौरान जब उनके बगल में बैठीं शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने उन्हें शांत कराने की कोशिश कीं तो जया उन पर भी बिदक गईं। एक बार, सुश्री बच्चन के बगल में बैठीं शिवसेना (यूबीटी) जया ने कहा, “प्रियंका, मुझे कंट्रोल मत कीजिए।” इस पर प्रियंका चतुर्वेदी ने हँसती नजर आईं।
खुफिया विफलता पर सरकार से सवाल
समाजवादी पार्टी की सांसद ने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे खुफिया विफलता पर सरकार से सवाल किया और कहा, “आपने लोगों का विश्वास तोड़ा है। पीड़ितों के परिवार आपको कभी माफ नहीं करेंगे।” जया ने कहा ‘‘अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में शांति होने, सब कुछ सामान्य होने का दावा किया गया था और तब पर्यटक वहां गए थे। लेकिन उन्हें वहां क्या मिला ? मौत…।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने आम लोगों से छल किया और उसे पीड़ितों से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि अगर वह जम्मू कश्मीर को लेकर बड़े-बड़े दावे नहीं करती तो वहां पर्यटक नहीं जाते और उनकी जान नहीं जाती।
विनम्र बनिए,देश के लोगों के मन में विश्वास जगाइए
जया ने कहा कि रक्षा मंत्री ने आत्मनिर्भरता की बात की है लेकिन अगर सरकार 26 लोगों की रक्षा नहीं कर पायी तो इस गोलाबारूद, हथियार बनाने की तैयारी किस काम की है। उन्होंने कहा ‘‘मानवता होनी चाहिए, गोला बारूद से कुछ नहीं होगा। हिंसा से कोई विवाद नहीं सुलझता। विनम्र बनिये और देश के लोगों के मन में विश्वास जगाइये कि आप उनकी रक्षा करेंगे।’’