नई दिल्ली, 18 फरवरी (वेब वार्ता)। कांग्रेस ने नये मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति की अधिसूचना को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए इसे केंद्र की मनमानी करार दिया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार हर कदम पर संविधान की भावना को ठेस पहुंचा रही है।
पार्टी ने कहा कि जब सीईसी की नियुक्ति से संबंधित मामले की सुनवाई बुधवार को उच्चतम न्यायालय में होनी है तो सरकार को नियुक्ति सम्बन्धी फैसले को एक दिन के लिए स्थगित करने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए थी लेकिन वह संविधान को नष्ट करने में लगी है और इसलिए इस तरह के मनमाने कदम उठा रही है।
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,“सरकार ने आधी रात को जल्दबाजी में नये मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। यह हमारे संविधान की भावना के खिलाफ है और उच्चतम न्यायालय ने कई मामलों में दोहराया है कि चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता के लिए सीईसी को एक निष्पक्ष हितधारक होना चाहिए। संशोधित कानून ने सीईआई को सीईसी चयन पैनल से हटा दिया और सरकार को सीईसी का चयन करने से पहले 19 फरवरी को शीर्ष अदालत की सुनवाई तक इंतजार करना चाहिए था।”
श्री वेणुगोपाल ने कहा,“सोमवार को जल्दबाजी में बैठक आयोजित करने और नए ईसी की नियुक्ति करने के उनके फैसले से पता चलता है कि वे शीर्ष अदालत की जांच को दरकिनार करने और स्पष्ट आदेश आने से पहले नियुक्ति करने के इच्छुक हैं। इस तरह का घृणित व्यवहार केवल उन संदेहों की पुष्टि करता है जो कई लोगों ने व्यक्त किए हैं कि कैसे सत्तारूढ़ शासन चुनावी प्रक्रिया को नष्ट कर रहा है और अपने लाभ के लिए नियमों को मोड़ रहा है। चाहे वह फर्जी मतदाता सूचियाँ हों, भाजपा के पक्ष में कार्यक्रम हों, या ईवीएम हैकिंग के बारे में चिंताएँ हों – ऐसी घटनाओं के कारण सरकार और उसके द्वारा नियुक्त सीईसी गहरे संदेह के अधीन हैं।”
उन्होंने कहा,“लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सही कहा, इस फैसले को तब तक अलग रखा जाना चाहिए था जब तक कि शीर्ष अदालत इस मुद्दे पर संविधान के अनुरूप फैसला नहीं कर देता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में सोमवार को अगले मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर बैठक हुई। श्री गांधी ने कहा कि बैठक बुधवार को शीर्ष अदालत के फैसले आने तक स्थगित की जानी चाहिए लेकिन सरकार ने देर रात श्री ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी। श्री कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और गत मार्च से चुनाव आयुक्त के रूप में काम कर रहे हैं। सीईसी राजीव कुमार मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।”