Saturday, March 15, 2025
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ट्रंप के टैरिफ वाले बयान पर बोली कांग्रेस- मोदी सरकार अमेरिका के सामने आत्मसमर्पण कर रही

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। कांग्रेस ने भारत सरकार द्वारा टैरिफ में कटौती के फैसले के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान पर मोदी सरकार से स्पष्टता की मांग करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय हितों से समझौता कर विश्व पटल पर भारत को कमजोर करने का काम कर रहे हैं।

नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा कि ट्रंप भारत को अपमानित करते हुए कह रहे हैं कि उन्होंने भारत की पोल खोल दी है, इसलिए अब वह टैरिफ में कटौती के लिए सहमत हो गया है।

उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका में व्यापार वार्ता के लिए मौजूद हैं, लेकिन सरकार की ओर से टैरिफ में कटौती को लेकर कोई अधिकृत घोषणा नहीं हुई है। यह बेहद दुखद है कि 140 करोड़ भारतीयों को उनकी अपनी सरकार की व्यापार नीति की जानकारी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के माध्यम से मिल रही है।

खेड़ा ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने भारत को धमकाया और अपनी बात मानने को मजबूर कर दिया। इससे पहले अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भारत को रेसिप्रोकल टैरिफ के नाम पर धमकाया जा रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री चुप्पी साधकर मुस्कुरा रहे थे। प्रधानमंत्री के वहां से लौटने के कुछ घंटों बाद अमेरिका ने निर्वासित भारतीयों को बेड़ियों से जकड़कर वापस भेजा था।

खेड़ा ने 1971 के बांग्लादेश युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय अमेरिका ने हमें डराने के लिए सातवां बेड़ा भेजा था, लेकिन भारत नहीं झुका। 1974 में पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका ने दबाव बनाया, फिर भी भारत डटा रहा। 1998 में पोखरण-दो के समय भी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अमेरिका की धमकियों के सामने झुकने से इनकार कर दिया। लेकिन आज भारत के प्रधानमंत्री की छवि कमजोर क्यों दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि कनाडा और मैक्सिको जैसे देश पारस्परिक टैरिफ के मुद्दे पर ट्रंप के खिलाफ मजबूती से खड़े हो सकते हैं, तो भारत ऐसा क्यों नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ के निर्णय से सबसे अधिक नुकसान भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को होगा। विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक इससे देश को सालाना 60 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। किसानों को भी इसका बड़ा नुकसान होगा।भारतीय कृषि को तीन स्तरों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

खेड़ा ने अमेरिकी ब्रांड हार्ले-डेविडसन बाइक, बोरबॉन व्हिस्की और वाशिंगटन सेब आदि पर आयात शुल्क कम करने का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार टैरिफ कम करने को लेकर पहले से ही धीरे-धीरे संकेत दे रही थी।

उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार अपने कुछ पूंजीपति मित्रों के हितों की रक्षा कर रही है और देश के छोटे व्यापारियों को अनदेखा कर रही है।

खेड़ा ने कहा कि अगर मोदी सरकार अमेरिका को माकूल जवाब देती है और भारत के हितों की रक्षा करती है, तो कांग्रेस जिम्मेदार विपक्ष के रूप में सरकार के साथ खड़ी होगी। उन्होंने यह मांग भी की कि प्रधानमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि भारत के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

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