Monday, October 20, 2025
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‘टॉप’ से ‘कैप’ तक: कांग्रेस का तंज – अब भारत को चीन, अमेरिका और पाकिस्तान से राजनीतिक चुनौती

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि जहां पहले वह ‘टॉप’ (टमाटर, प्याज़ और आलू) की कीमतों को सबसे बड़ी चुनौती बताते थे, वहीं अब भारत को ‘कैप’ यानी चीन, अमेरिका और पाकिस्तान से राजनीतिक और रणनीतिक मोर्चे पर असली चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

यह टिप्पणी पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों और नीतियों के परिप्रेक्ष्य में की है।


📌 ‘टॉप’ से ‘कैप’ तक का सफर: कांग्रेस का कटाक्ष

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:

“प्रधानमंत्री मोदी कभी देश में टमाटर, प्याज़ और आलू की क़ीमतों को लेकर ‘टॉप’ चुनौती की बात करते थे। अब भारत को ‘कैप’ – चीन, अमेरिका और पाकिस्तान से राजनीतिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।”


🇺🇸 अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत विरोधी तेवर

कांग्रेस नेता रमेश ने आरोप लगाया कि डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत को आर्थिक, राजनीतिक और रणनीतिक दबाव में लाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कुछ मुख्य घटनाओं का जिक्र किया:

  • 10 मई से अब तक ट्रंप 30 बार दावा कर चुके हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को रुकवाया।

  • 18 जून को व्हाइट हाउस में उन्होंने पाकिस्तान सेना प्रमुख और पहलगाम आतंकी हमलों के सूत्रधार को लंच पर बुलाया।

  • 30 जुलाई को भारत के निर्यात पर 25% शुल्क, रूस से तेल-हथियार खरीद पर पेनल्टी, और ईरान से संबंधों के आरोप में छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए।


🛢️ पाकिस्तान को ट्रंप का नया समर्थन

जयराम रमेश के अनुसार:

“ट्रंप ने अब पाकिस्तान को उसके तेल और गैस भंडारों की खोज में मदद देने की घोषणा की है। यह उस वित्तीय मदद से अलग है जो वे पहले ही IMF और विश्व बैंक से दिलवा चुके हैं।”

इससे स्पष्ट होता है कि अमेरिका-पाकिस्तान गठजोड़ भारत के लिए एक नई राजनीतिक चुनौती का संकेत है।


🌐 चीन, अमेरिका और पाकिस्तान से बहुस्तरीय दबाव

कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि भारत को अब एक साथ तीन वैश्विक शक्तियों से रणनीतिक मोर्चे पर सतर्क रहना होगा:

  1. चीन – सीमाओं पर आक्रामकता और ब्रिक्स के अंदर आर्थिक रणनीति

  2. अमेरिका – शुल्क, प्रतिबंध और कूटनीतिक मोड़

  3. पाकिस्तान – नए गठबंधन और सैन्य-आर्थिक समर्थन


🧍‍♂️ मोदी की कूटनीतिक असफलताएं?

रमेश ने मोदी की विदेश नीति पर भी हमला बोला:

“मोदी जी ने ट्रंप और शी जिनपिंग, दोनों पर निजी दोस्ती में बहुत निवेश किया। लेकिन अब दोनों नेताओं को यह समझ आ गया है कि मोदी जी को उनके अहंकार और आत्ममुग्धता के माध्यम से कैसे साधा जा सकता है।”

यह बयान बताता है कि कांग्रेस मोदी की निजीकृत विदेश नीति को भारत की सामूहिक रणनीतिक सोच के लिए खतरा मान रही है।

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