Saturday, November 22, 2025
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़ें

नकदी बरामदगी विवाद: उच्चतम न्यायालय की आंतरिक समिति ने जांच शुरू की

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय आंतरिक समिति ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा से जुड़े कथित नकदी बरामदगी विवाद की जांच मंगलवार को शुरू कर दी। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

समिति में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जी एस संधावालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल हैं।

सूत्रों ने बताया कि समिति के तीनों सदस्य न्यायमूर्ति वर्मा के 30, तुगलक क्रीसेंट स्थित आधिकारिक आवास पहुंचे।

उन्होंने कहा कि तीनों न्यायाधीश करीब 30-35 मिनट तक न्यायमूर्ति वर्मा के आधिकारिक आवास के अंदर रहे और निरीक्षण किया।

न्यायमूर्ति वर्मा के आधिकारिक आवास में 14 मार्च को रात करीब 11.35 बजे आग लगने के बाद अग्निशमन अधिकारी मौके पर पहुंचे और आग बुझाई तथा इस दौरान कथित तौर पर नकदी बरामद हुई।

इस घटना के बाद 22 मार्च को भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की आंतरिक जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की।

न्यायमूर्ति वर्मा ने नकदी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा स्टोररूम में कभी भी नकदी नहीं रखी गई।

दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय को सौंपे गए अपने जवाब में न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि उनके आवास पर नकदी मिलने के आरोप स्पष्ट रूप से उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश प्रतीत होते हैं।

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest

More articles