Sunday, March 23, 2025
Homeराष्ट्रीयपशु रोगों के टीकाकरण के लिए 3880 करोड रूपये के कार्यक्रम को...

पशु रोगों के टीकाकरण के लिए 3880 करोड रूपये के कार्यक्रम को मंत्रिमंडल की मंजूरी

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 3880 करोड़ रूपये की लागत से खुरपका-मुंहपका और अन्य पशु रोगों के टीकाकरण तथा जेनेरिक दवाओं से संबंधित पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तीन घटक राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी), एलएचएंडडीसी और पशु औषधि हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत टीकाकरण की मदद से पशुओं के रोग खुरपका-मुंहपका रोग (एफएमडी), ब्रुसेलोसिस, पेस्ट डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स (पीपीआर), सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (सीएसएफ), लम्पी स्किन आदि से निपटने में मदद मिलेगी। इस योजना में सस्ती और अच्छी गुणवत्ता वाती जेनेरिक पशु दवा की भी बिक्री की जायेगी।

एलएचएंडडीसी के तीन उप-घटक यानी गंभीर पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (सीएडीसीपी), मौजूदा पशु चिकित्सालयों और औषधालयों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण – मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई (ईएसवीएचडी-एमवीयू) और पशु रोगों के नियंत्रण के लिए राज्यों को सहायता (एएससीएडी)। पशु औषधि एलएचडीसीपी योजना में जोड़ा गया नया घटक है। इस योजना का कुल परिव्यय दो वर्षों यानी 2024-25 और 2025-26 के लिए 3,880 करोड़ रुपये है, जिसमें पशु औषधि घटक के तहत अच्छी गुणवत्ता वाली और सस्ती जेनेरिक पशु चिकित्सा दवा और दवाओं की बिक्री के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए 75 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है।

खुरपका-मुंहपका रोग (एफएमडी), ब्रुसेलोसिस, पेस्ट डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स (पीपीआर), सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (सीएसएफ), लम्पी स्किन डिजीज आदि बीमारियों के कारण पशुधन की उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। एलएचडीसीपी के कार्यान्वयन से टीकाकरण के माध्यम से बीमारियों की रोकथाम करके इन नुकसानों को कम करने में मदद मिलेगी। इस योजना में मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (ईएसवीएचडी-एमवीयू) के उप-घटकों के माध्यम से पशुधन स्वास्थ्य देखभाल की डोर-स्टेप डिलीवरी और पीएम-किसान समृद्धि केंद्र और सहकारी समितियों के नेटवर्क के माध्यम से जेनेरिक पशु चिकित्सा दवा- पशु औषधि की उपलब्धता में भी सुधार होगा।

यह योजना टीकाकरण, निगरानी और स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन के माध्यम से पशुधन रोगों की रोकथाम और नियंत्रण में मदद करेगी। साथ ही, यह योजना उत्पादकता में सुधार करेगी, रोजगार पैदा करेगी, ग्रामीण क्षेत्र में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करेगी और बीमारी के बोझ के कारण किसानों को होने वाले आर्थिक नुकसान को रोकेगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments