Wednesday, April 16, 2025
Homeराष्ट्रीयभाजपा कम से कम 30 साल तक केंद्र में सत्ता में रहेगी:...

भाजपा कम से कम 30 साल तक केंद्र में सत्ता में रहेगी: अमित शाह

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विश्वास जताया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने लगातार अच्छे प्रदर्शन के कारण कम से कम 30 साल तक केंद्र में सत्ता में बनी रहेगी।

शाह ने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी पार्टी की जीत उसकी कड़ी मेहनत पर निर्भर करती है तथा यदि वह दिन-रात मेहनत करती है और ‘‘यदि आप अपने लिए नहीं बल्कि देश के लिए जीते हैं, तो जीत आपकी होगी।’’ उन्होंने शुक्रवार रात ‘टाइम्स नाउ समिट 2025’ में कहा, ‘‘जब मैं भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष था तो मैंने कहा था कि भाजपा अगले 30 साल तक सत्ता में रहेगी। अभी तो केवल 10 साल ही बीते हैं।’’

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि जब कोई पार्टी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसे जनता का भरोसा और जीतने का विश्वास मिलता है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जो अच्छा प्रदर्शन नहीं करते, उनमें यह भरोसा नहीं होता।’’

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा शासित सभी राज्यों में यूसीसी को एक-एक करके लागू किया जाएगा क्योंकि यह भाजपा के गठन के बाद से ही उसके प्रमुख एजेंडे में से एक रहा है।

गृह मंत्री ने कहा कि अपनी स्थापना के बाद से ही भाजपा का संकल्प देश में समान नागरिक संहिता लागू करने का रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह होगा। यह (समान नागरिक संहिता लागू करना) संविधान सभा का निर्णय था। कांग्रेस शायद इसे भूल गई हो लेकिन हम नहीं भूले। हमने कहा था कि हम अनुच्छेद 370 को हटाएंगे। हमने ऐसा किया है। हमने कहा था कि हम अयोध्या में राम मंदिर बनाएंगे। हमने वह भी किया है। अब समान नागरिक संहिता बाकी है। हम वह भी करेंगे।’’

शाह ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए पहले ही कानून बना दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘एक-एक करके सभी भाजपा शासित राज्य सरकारें इसे लागू करेंगी। गुजरात ने इसके लिए पहले ही एक समिति गठित कर दी है। यह एक सतत प्रक्रिया है। सभी राज्य अपनी सुविधा के अनुसार इसे लागू करेंगे।’’

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास से कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी मिलने के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि भारत के प्रधान न्यायाधीश ने इस मामले का संज्ञान लिया है और (उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की एक समिति के माध्यम से) जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इसमें सहयोग कर रहे हैं। हमें प्रधान न्यायाधीश द्वारा गठित समिति के नतीजों का इंतजार करना चाहिए।’’

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका को ‘‘असामयिक’’ बताते हुए खारिज कर दिया था जिसमें न्यायमूर्ति वर्मा के सरकारी आवास से कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी मिलने के मामले में दिल्ली पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया था। शाह ने कहा, ‘‘…प्राथमिकी भारत के प्रधान न्यायाधीश की अनुमति से ही दर्ज की जा सकती है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करता है, गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा का वैचारिक स्रोत संघ कोई हस्तक्षेप नहीं करता। उन्होंने कहा, ‘‘आरएसएस पिछले 100 वर्ष से देशभक्तों को तैयार कर रहा है। मैंने आरएसएस से सीखा है कि कैसे कई आयामों को एक साथ रखते हुए देशभक्ति को केंद्र में रखा जाए। हस्तक्षेप का कोई सवाल ही नहीं है।’’

आंतरिक सुरक्षा की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री के तौर पर उन्हें विरासत में तीन समस्याएं मिलीं: नक्सली हिंसा, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 साल में इन तीनों क्षेत्रों में 16,000 युवाओं ने आत्मसमर्पण किया है। देश के गृह मंत्री के तौर पर इन सभी स्थानों पर शांति लाना मेरा कर्तव्य है। यह प्रधानमंत्री की प्राथमिकता है और स्वाभाविक रूप से यह मेरी भी प्राथमिकता है। इन समस्याओं के कारण इन जगहों पर विकास रुक गया था।’’

उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 पर सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते क्योंकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि उच्चतम न्यायालय इस पर उचित आदेश देगा। हम न्यायालय के आदेश का निश्चित रूप से पालन करेंगे।’’

यह अधिनियम किसी भी उपासना स्थल के धार्मिक स्वरूप में परिवर्तन पर प्रतिबंध लगाता है। इस कानून में किसी स्थान के धार्मिक स्वरूप को 15 अगस्त 1947 के अनुसार बनाए रखने की बात कही गई है। अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे से संबंधित विवाद को इसके दायरे से बाहर रखा गया था।

इस समय उच्चतम न्यायालय इस अधिनियम को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर विचार कर रहा है। यह पूछे जाने पर कि सरकार ने इस विषय पर अभी तक न्यायालय में हलफनामा क्यों दाखिल नहीं किया है, शाह ने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से हलफनामा दाखिल करेंगे।’’

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments