नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। आजाद हिन्द फौज के यौद्धा रहे लेफ्टिनेंट आर माधवन पिल्लई ने गुरूवार को यहां राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और कर्तव्य पथ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपना 100वां जन्मदिन मनाया।
सेना ने इस अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया था। देश के गौरव 99 वर्षीय वयोवृद्ध लेफ्टिनेंट आर माधवन पिल्लई सुबह साढे नौ बजे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचे और भारत के ऐतिहासिक स्वतंत्रता संग्राम को श्रद्धांजलि देते हुए अपना 100वां जन्मदिन बनाया। उन्होंने नेताजी की प्रतिमा पर भी पुष्पांजलि अर्पित की।
वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी ने इसे अपने जीवन में महत्वपूर्ण मील का पत्थर करार दिया और आजाद हिन्द फौज के बलिदानों का सम्मान किया। इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति, सशस्त्र बलों के अधिकारीगण और जवान तथा आम लोग भी मौजूद थे।
लेफ्टिनेंट माधवन पिल्लई का जन्म 13 मार्च 1926 को बर्मा (अब म्यांमार) के स्वरयान टाउनशिप में हुआ था। वह आजाद हिन्द फौज के गिने चुने जीवित यौद्धाओं में से एक हैं। वह मूल रूप से तमिलनाडु के शिवगंगई जिले के परिवार से हैं और 18 वर्ष की आयु में 1943 को आज़ाद हिंद फ़ौज में भर्ती होने से पहले इंडियन इंडिपेंडेन्स लीग से जुड़े थे। जब नेताजी सिंगापुर पहुंचे, तो लेफ्टिनेंट माधवन औपचारिक रूप से आईएनए में भर्ती हुए। बर्मा में ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल से कमीशन के बाद उन्होंने आजाद हिन्द फौज के भर्ती अधिकारी और फंड रेजर के रूप में काम करते हुए बर्मा में 32 स्थानों पर आईएनए के लिए समर्थन जुटाया जिनमें हंथावाडी, साव्वागले, यवादांशे, स्वरयान, यांगून और मायोंगोन शामिल थे। स्वतंत्रता संग्राम में उनकी सक्रिय भागीदारी के कारण उन्हें मई से दिसंबर 1945 तक रंगून जेल में आठ महीने तक कारावास की सजा हुई।
सरकार ने लेफ्टिनेंट माधवन पिल्लई के राष्ट्र के प्रति योगदान को अनेक अवसरों पर सम्मानित किया है। वर्ष 2021 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर उन्हें आईएनए और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका के लिए रजत पदक से सम्मानित किया गया। इसके बाद 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले में पराक्रम दिवस समारोह में उनका अभिनंदन किया। इस वर्ष जनवरी में कटक में पराक्रम दिवस समारोह के दौरान ओडिशा के मुख्यमंत्री ने उनका सम्मान किया।
लेफ्टिनेंट माधवन पिल्लई 99 वर्ष की आयु में भी नेताजी और आई.एन.ए. के योगदान और उनकी प्रेरणा की वकालत करते हैं और इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति उनकी अटूट देशभक्ति का प्रमाण है। इस कार्यक्रम से आजादी की लड़ाई में आई.एन.ए. के योगदान की एक बार फिर पुष्टि होती है। उनका स्मरणोत्सव नेताजी और उनके बहादुर सैनिकों द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है, यह सुनिश्चित करता है कि उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहे।
लेफ्टिनेंट माधवन की जीवन कहानी उस साहस और एकता का प्रतीक है जिसने भारतीय राष्ट्रीय सेना को परिभाषित किया। दशकों पहले, उन्होंने पूर्वोत्तर के दुर्गम इलाकों में साहसपूर्वक कदम रखा था, और उन लाखों लोगों की आकांक्षाओं को लेकर चले थे जो एक स्वतंत्र भारत के लिए तरस रहे थे। अब, उनकी शताब्दी की दहलीज पर, उनकी याद में किया गया यह कार्य उस अटूट संकल्प का एक शक्तिशाली प्रमाण है जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को गति दी। आज का पुष्पांजलि समारोह न केवल भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले बहादुर पुरुषों और महिलाओं के बलिदान का सम्मान करता है, बल्कि उनके बलिदान की भावना को बनाए रखते हुए औपनिवेशिक विरासत से मुक्त होने की राष्ट्र की मार्मिक यात्रा का भी याद भी दिलाता है।
Honouring Valour & Sacrifices
As Lieutenant R. Madhavan Pillai of Indian National Army, #INA approaches the milestone of his 100th birthday, we stand in awe of a living legend whose life embodies the spirit of valour and sacrifice.
Lieutenant Pillai today laid wreaths at the… pic.twitter.com/jWsrqzlBbB
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) March 13, 2025