नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। रक्षाबंधन का पर्व इस बार भी देशभर में भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के संकल्प का संदेश लेकर आया। इस मौके पर दिल्ली में एक भावुक दृश्य देखने को मिला, जब नन्हीं बच्चियों ने भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी को राखियां बांधीं।
उनके हाथों में सजी ये राखियां सिर्फ धागा नहीं थीं, बल्कि देश के प्रति कृतज्ञता, विश्वास और सम्मान का प्रतीक थीं। सेना प्रमुख का हाथ, जो हर पल देश की सीमाओं की रक्षा के लिए उठता है, इन मासूम बहनों के प्रेम से सजा तो माहौल भावनाओं से भर उठा।
भारतीय सेना का भावुक संदेश
भारतीय सेना ने इस अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (Twitter) पर एक विशेष वीडियो साझा किया। वीडियो के साथ सेना ने लिखा—
“रक्षाबंधन के पावन अवसर पर, जो रक्षा के पवित्र बंधन का प्रतीक है, बच्चों ने जनरल उपेंद्र द्विवेदी को ‘विश्वास और कृतज्ञता का शाश्वत धागा’ राखी बांधी। यह पवित्र और हार्दिक भाव राष्ट्र की प्रार्थनाओं का प्रतीक है, जो भारतीय सेना के प्रति प्रत्येक नागरिक के अटूट विश्वास और स्नेह को दर्शाता है।”
#RakshaBandhan
‘Bharat Raksha Parv’ – Rakhi for the Nation’s Shield
रक्षक को राखीOn the auspicious occasion of #RakshaBandhan, symbolising the sacred bond of protection, children from across the Nation tied ‘Rakhi—the eternal thread of trust and gratitude’ to… pic.twitter.com/KbrWF45Y1z
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) August 9, 2025
वीडियो में दिख रहा है कि बच्चियां मुस्कान के साथ सेना प्रमुख के पास जाकर उन्हें राखी बांध रही हैं, और वे बदले में उन्हें आशीर्वाद दे रहे हैं। यह दृश्य दर्शाता है कि सेना और नागरिकों का संबंध सिर्फ सुरक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि भावनाओं और विश्वास पर आधारित है।
राखी का अर्थ – सिर्फ रिश्ते से आगे
सेना के वीडियो संदेश में एक गहरा भाव था—
“राखी का धागा सिर्फ रिश्ते का नहीं होता, बल्कि यह विश्वास और भरोसे का भी होता है। यह भारतीय सेना के प्रति प्रेम का प्रतीक है। जब सेना प्रमुख को राखी बांधी जाती है, तो वह हर उस वीर के लिए होती है, जिसे देश की हर बहन अपना भाई मानती है।”
यह संदेश साफ करता है कि सेना और जनता का रिश्ता एक परिवार जैसा है, जिसमें हर बहन का भाई सीमा पर खड़ा एक सैनिक है, जो अपनी जान देकर भी बहन और देश की रक्षा करता है।
दक्षिणी कमान में भी मनाया गया रक्षाबंधन
इससे पहले भारतीय सेना की दक्षिणी कमान में भी यह पर्व बड़े उत्साह से मनाया गया। संस्कृति फाउंडेशन के स्वयंसेवकों और बच्चों ने बाइसन डिवीजन के सैनिकों को राखियां बांधीं।
दक्षिणी कमान ने अपने सोशल मीडिया संदेश में लिखा—
“हमारे सैनिक कभी भी अपने परिवार से दूर नहीं होते। हम इस हार्दिक समर्पण, सम्मान और स्नेह के बंधन को बहुत महत्व देते हैं, जो राष्ट्र निर्माण में सेवा और योगदान के हमारे संकल्प को और मजबूत करता है।”
रक्षाबंधन – सुरक्षा और विश्वास का उत्सव
रक्षाबंधन का पर्व भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है, लेकिन जब यह पर्व भारतीय सेना के साथ जुड़ता है, तो इसका अर्थ और भी व्यापक हो जाता है।
यह सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि यह एक संकल्प है—
देश की सीमाओं की रक्षा
नागरिकों की सुरक्षा
और एकजुटता का भाव
रक्षाबंधन पर सेना और नागरिकों के बीच यह विशेष जुड़ाव आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।