नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने आज राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) द्वारा आयोजित 15वें भारतीय अंगदान दिवस पर “अंगदान – जीवन संजीवनी अभियान” को संबोधित करते हुए कहा कि अंगदान एक परोपकारी, नैतिक और जीवनदायिनी कार्य है, जिसे अब जनआंदोलन की शक्ल देने की आवश्यकता है।
▶️ अंगदान: एक जीवनदायिनी संकल्प
जेपी नड्डा ने कहा कि देश में हर वर्ष हजारों लोग अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा में रहते हैं, लेकिन दानकर्ताओं की संख्या बहुत कम है। उन्होंने कहा—
“एक व्यक्ति अपने अंगों को दान देकर आठ लोगों की जान बचा सकता है। यह न केवल नैतिकता का कार्य है, बल्कि समाज के लिए एक संदेश है कि हम जीवन बचाने में भागीदार बन सकते हैं।”
▶️ आंकड़े बोलते हैं: जागरूकता बढ़ रही है
उन्होंने बताया कि 2023 में आधार-आधारित अंगदान पोर्टल शुरू होने के बाद अब तक 3 लाख से अधिक लोग अंगदान की शपथ ले चुके हैं।
साल 2024 में भारत में 18,900 अंग प्रत्यारोपण हुए, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। भारत अब अंग प्रत्यारोपण में विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है और हृदय प्रत्यारोपण के मामले में सबसे आगे है।
▶️ चुनौतियाँ अभी भी बरकरार
जेपी नड्डा ने यह भी कहा कि अंगदान को लेकर समाज में भ्रांतियाँ, जानकारी की कमी और पारिवारिक संकोच जैसी कई चुनौतियाँ मौजूद हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि—
“हमें न केवल कानून और तकनीक को मजबूत करना है, बल्कि मानसिकता में भी बदलाव लाना होगा।”
▶️ अंगदान में अग्रणी राज्य व परिवारों का सम्मान
इस अवसर पर उन परिवारों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने प्रियजनों के निधन के बाद उनके अंग दान किए। साथ ही उन राज्यों को भी पुरस्कृत किया गया, जिन्होंने अंगदान को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय कार्य किया है।
▶️ अगला कदम: जन आंदोलन
जेपी नड्डा ने अंत में सभी उपस्थित लोगों को अंगदान की शपथ दिलाई और इसे ‘स्वस्थ भारत, सशक्त भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।