नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित भर्ती घोटाले से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में राउज ऐवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान और 10 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। यह मामला 2016 से लेकर 2021 के बीच की नियमविहीन नियुक्तियों और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है।
🔍 क्या हैं आरोप?
कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(D) और 13(2) के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत आपराधिक षड्यंत्र (Criminal Conspiracy) रचने का आरोप तय किया है। आरोपों के मुताबिक, उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए बोर्ड की शक्तियों का दुरुपयोग किया और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती।
🏛️ CBI की चार्जशीट में क्या कहा गया?
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अगस्त 2022 में दाखिल अपने आरोपपत्र में कहा था कि अमानतुल्लाह खान ने वक्फ बोर्ड में विज्ञापन के बिना अवैध नियुक्तियां कीं और कुछ खास व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया। जांच में यह भी सामने आया कि इन नियुक्तियों में योग्यता मानकों का उल्लंघन किया गया।
“अमानतुल्लाह खान और उनके साथियों ने सरकारी पद का दुरुपयोग कर आर्थिक लाभ कमाने के लिए एक सुनियोजित षड्यंत्र रचा,” — CBI अधिकारी
🕰️ 2016 से चल रही है जांच
यह मामला पहली बार 2016 में उजागर हुआ था, जब शिकायतों के आधार पर वक्फ बोर्ड की नियुक्तियों की समीक्षा शुरू की गई। इसके बाद सीबीआई को जांच सौंपी गई, जिसने 2022 में एक विस्तृत आरोपपत्र दायर किया। कोर्ट द्वारा सभी आरोपितों के खिलाफ आरोप तय होने के बाद अब मामले की नियमित सुनवाई शीघ्र शुरू होगी।
📋 वक्फ बोर्ड और राजनीतिक असर
दिल्ली वक्फ बोर्ड मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों और सामाजिक सेवाओं से जुड़ा एक संवेदनशील सरकारी निकाय है। इस घोटाले ने आप सरकार की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं। इससे पहले भी अमानतुल्लाह खान पर कई मामलों में जांच हो चुकी है।