नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारत पर 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ की घोषणा के बाद देश की राजनीति में जबरदस्त हलचल मच गई है। इस मुद्दे पर विपक्ष ने केंद्र सरकार की विदेश नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि “देश की विदेश नीति पूरी तरह से विफल हो चुकी है और भारत चौतरफा घिर चुका है।”
🔍 अमेरिकी टैरिफ का असर और विपक्षी हमला
हाल ही में अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ बढ़ाए जाने की खबर ने भारत की व्यापारिक रणनीति और कूटनीतिक संबंधों की समीक्षा को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। इस फैसले से भारतीय निर्यातकों और किसानों पर संभावित असर की चिंता भी गहराने लगी है।
अखिलेश यादव ने इस निर्णय को केंद्र सरकार की कूटनीतिक विफलता बताया और कहा,
“कहीं ना कहीं हमारा भारत संकट में है। आज किसान, नौजवान, व्यापारी सब संकट में हैं। यह सब हमारी कमजोर विदेश नीति का परिणाम है।”
🎙️ दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान तीखे सवाल
दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि:
किसानों से किया गया “आय दोगुनी” का वादा भी अधूरा है।
नौजवानों को रोजगार नहीं मिला है।
अब देश की अर्थव्यवस्था भी अंतरराष्ट्रीय दबाव में संकट में है।
उन्होंने कहा,
“जिस तरह से पाबंदियां लगाई जा रही हैं, वह देश की आर्थिक हालत को और खराब कर रही हैं। सरकार को जवाब देना चाहिए कि अमेरिका जैसे पुराने मित्र राष्ट्र से संबंध इतने नाजुक कैसे हो गए?”
🏛️ भारत-अमेरिका संबंधों पर संतुलित रुख की वकालत
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत को अमेरिका के टैरिफ दबाव के आगे झुक जाना चाहिए, तो अखिलेश यादव ने कहा,
“अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते कोई नए नहीं हैं। ये ऐतिहासिक हैं। हमें इन रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए, खासकर किसानों और व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखकर।”
🇨🇳 प्रधानमंत्री मोदी के चीन दौरे पर तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित चीन दौरे को लेकर भी अखिलेश यादव ने व्यंग्य करते हुए कहा,
“अगर प्रधानमंत्री चीन जा रहे हैं तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी साथ ले जाएं, हो सकता है वह चीन का भी नाम बदल दें।”
उनका यह बयान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बार-बार नाम बदलने की नीतियों पर सीधा कटाक्ष था।
🗣️ ‘ग फॉर गधा’ बनाम ‘ग फॉर गरीब’ का जवाब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पुराने बयान “ग फॉर गधा” पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा,
“ग फॉर गरीब भी तो हो सकता है। हम गरीबों के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। हमारे लिए ‘ग’ का मतलब गरीब है, हो सकता है बीजेपी के लिए ‘ग’ का मतलब कुछ और हो।”
यह बयान सत्तारूढ़ दल और समाजवादी पार्टी के बीच विचारधारा के स्पष्ट अंतर को उजागर करता है।
📊 राजनीतिक और आर्थिक मायने
अमेरिकी टैरिफ का मामला केवल एक आर्थिक नीति का मुद्दा नहीं रह गया है। यह भारत की विदेश नीति, कूटनीतिक लचीलापन, किसानों-व्यापारियों के हित, और आम जनता के भविष्य से जुड़ा प्रश्न बन गया है। विपक्ष के हमले इस ओर संकेत कर रहे हैं कि आगामी चुनावों में यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।
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