-मुंबई कबूतरखाना विवाद: प्रदर्शनकारियों ने हटाया तिरपाल
मुंबई, (वेब वार्ता): मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा कबूतरखानों को बंद करने के आदेश के बाद दादर स्थित प्रसिद्ध कबूतरखाने में बुधवार को एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। प्रदर्शनकारियों ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा लगाए गए तिरपाल को जबरन हटा दिया, जिसके कारण पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई।
🕊️ जैन समुदाय की आस्था बनाम स्वास्थ्य चिंता
इस प्रदर्शन में अधिकतर लोग जैन समुदाय से जुड़े थे, जो कबूतरों को दाना डालना अपनी धार्मिक परंपरा मानते हैं। उनका कहना है कि कबूतरखाने को ढंकना उनकी आस्था का अपमान है। दूसरी ओर, बॉम्बे हाईकोर्ट ने कबूतरों की बीट से उत्पन्न सांस की बीमारियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट को देखते हुए कबूतरखानों को बंद करने का आदेश दिया है।
📍 घटना स्थल पर तनाव, पुलिस की कार्रवाई
जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने तिरपाल हटाना शुरू किया, पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, जिससे दोनों पक्षों में तनाव और झड़प उत्पन्न हो गई। हालात बिगड़ने पर पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा।
🧑💼 मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा की प्रतिक्रिया
मुंबई उपनगर के संरक्षक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने घटना स्थल का दौरा किया और मीडिया से बात करते हुए कहा कि,
“जो कुछ आज सुबह हुआ, वह पूरी तरह से गलत और निंदनीय है। हम किसी भी तरह की अराजकता बर्दाश्त नहीं करेंगे। पुलिस उचित कार्रवाई करेगी।”
उन्होंने स्थानीय जैन मंदिर प्रबंधन से भी बातचीत की, जिन्होंने दावा किया कि उनका इस प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है।
🗓️ फडणवीस ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक
इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार, मंत्री गणेश नाइक, गिरीश महाजन और मंगल प्रभात लोढ़ा के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने BMC को निर्देश दिया कि जब तक वैकल्पिक समाधान नहीं निकलता, तब तक संगठित ढंग से कबूतरों को आहार देने की व्यवस्था जारी रखी जाए।
🙏 कबूतरों को दाना डालने की परंपरा पर भावनात्मक अपील
जैन समुदाय ने कहा कि कबूतरों को दाना डालना उनकी सदियों पुरानी पवित्र परंपरा है, और इसे अचानक बंद करना धार्मिक स्वतंत्रता का हनन होगा।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि सड़कों पर कबूतर भूखे मर रहे हैं, जो मानवीय दृष्टिकोण से भी चिंताजनक है।