मुंबई, (वेब वार्ता)। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया है। राज्य सरकार ने स्थिति को शांत करने और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए तीन सदस्यीय पैनल को मराठा नेता मनोज जरांगे से मिलने के लिए रवाना किया है।
जल संसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने कहा कि यह पैनल आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे जरांगे से सीधे संवाद करेगा।
पैनल में शामिल सदस्य
इस तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं:
रिटायर्ड जस्टिस संदीप शिंदे
कोंकण संभागीय आयुक्त
सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव
सरकार का रुख
मंत्री विखे-पाटिल ने स्पष्ट किया कि सरकार का रुख सकारात्मक है और समाधान निकालने की दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।
“सभी उप-समिति सदस्यों ने बैठक कर जरांगे-पाटिल की मांगों और मराठा आरक्षण की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। यह सरकार की भूमिका है कि समाधान निकले।”
आंदोलन की पृष्ठभूमि
मनोज जरांगे इस बात पर अड़े हैं कि जब तक मराठा आरक्षण की मांग पूरी नहीं होती, वे मुंबई नहीं छोड़ेंगे।
उनका धरना प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन भी जारी है और धीरे-धीरे यह आंदोलन विस्तार ले रहा है।
आंदोलन को देखते हुए सरकार ने संवाद स्थापित करने के लिए यह प्रतिनिधिमंडल भेजा है।
राजनीतिक बयानबाज़ी
राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा,
“सिर्फ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की आलोचना करने से आरक्षण का मुद्दा हल नहीं होगा। महा विकास अघाड़ी को सलाह देने के बजाय मराठा समुदाय को आरक्षण न देने के लिए प्रायश्चित करना चाहिए।”
निष्कर्ष
सरकार का यह कदम मौजूदा गतिरोध को सुलझाने और आंदोलनरत जरांगे से संवाद स्थापित करने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है। अब सभी की नजरें पैनल और जरांगे के बीच होने वाली बातचीत पर टिकी हैं।




