मुंबई, (वेब वार्ता)। महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए राज्य चुनाव आयोग (SEC) ने राष्ट्रीय चुनाव आयोग (ECI) से अनुरोध किया है कि विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया जनवरी 2026 तक स्थगित कर दी जाए। SEC का तर्क है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान SIR चलाना संभव नहीं होगा, क्योंकि एक ही अधिकारी (उपसंपादक और तहसीलदार) दोनों काम संभालेंगे। यह पत्र सुप्रीम कोर्ट के 6 मई 2025 के आदेश के अनुपालन में लिखा गया है, जिसमें 4 महीने में स्थानीय चुनाव कराने और आवश्यकता पर समय बढ़ाने की छूट दी गई है।
SEC ने पत्र में कहा, “ECI के SIR अधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया में व्यस्त रहने से SIR में देरी हो सकती है। जनवरी 2026 तक स्थगित करने से चुनाव सुचारू होंगे।”
SIR प्रक्रिया का क्या है महत्व?
SIR एक विशेष गहन संशोधन है, जिसमें घर-घर जाकर मतदाता सूची का पुनर्निर्माण किया जाता है। इसमें अधिकारी प्रत्येक घर का दौरा कर पात्र मतदाताओं का विवरण रिकॉर्ड करते हैं, ताकि पुरानी या असंगत सूचियां सुधारी जा सकें। बिहार में जून 2025 में विधानसभा चुनाव से पहले SIR लागू किया गया था, जहां 11 दस्तावेजों में से एक दिखाना अनिवार्य था। विपक्ष ने इसे आलोचना की और अदालत में चुनौती दी थी।
महाराष्ट्र में SIR के बिना चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है, लेकिन SEC का मानना है कि स्थानीय चुनावों के बाद ही SIR संभव है।
महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव: जनवरी 2026 तक प्रक्रिया
महाराष्ट्र में कुल 29 नगर निगम, 247 नगर परिषद, 42 नगर पंचायत (147 टाउन काउंसिल में से), 32 जिला परिषद और 336 पंचायत समितियों (351 में से) के चुनाव होने हैं। जिला परिषद और पंचायत समितियों का वार्ड परिसीमन पूरा हो चुका है, जबकि नगर निगमों का जल्द पूरा होगा। इसके बाद विधानसभा मतदाता सूची को स्थानीय निकायों के अनुसार विभाजित किया जाएगा। SEC का अनुमान है कि प्रक्रिया जनवरी 2026 तक चलेगी।
ECI का जवाब अभी आना बाकी है। यह पत्र महाराष्ट्र चुनावों की समयबद्धता को प्रभावित कर सकता है।




