कोलकाता, (वेब वार्ता)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सरकार की जन-केंद्रित पहल ‘आमादेर पारा, आमादेर समाधान’ (हमारा इलाका, हमारा समाधान) को मिली अभूतपूर्व जन प्रतिक्रिया पर शुक्रवार को खुशी जताई। उन्होंने घोषणा की कि महज 26 दिनों में ही राज्य भर में लगाए गए 14,500 से अधिक शिविरों में एक करोड़ से ज्यादा नागरिक अपनी समस्याओं के समाधान के लिए पहुंचे हैं।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर इस उपलब्धि को साझा करते हुए लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी और गर्व हो रहा है कि सिर्फ़ 26 दिनों के भीतर, पूरे बंगाल से एक करोड़ से ज़्यादा लोग अपने इलाकों और आसपास की विभिन्न समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए लगभग 14,500 ‘आमादेर पारा, आमदेर समाधान’ शिविरों में आए। इतनी जल्दी एक करोड़ का आंकड़ा पार करने के लिए सभी को बधाई।”
उन्होंने आगे कहा, “इस सामाजिक-आर्थिक विकास पहल में बंगाल के आम पुरुषों और महिलाओं की अभूतपूर्व और सहज भागीदारी ने इस राज्य में प्रचलित लोकतांत्रिक और सहभागी सुशासन संस्कृति को और मजबूत किया है।”
क्या है ‘आमादेर पारा, आमादेर समाधान’ पहल?
इस अभियान की शुरुआत 22 जुलाई को की गई थी। इसका प्राथमिक उद्देश्य आम नागरिकों की स्थानीय स्तर की समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान उपलब्ध कराना है। इन समस्याओं में शामिल हैं:
टूटी हुई सड़कें
बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटें
स्कूलों की टपकती छतें
अपर्याप्त और साफ पेयजल की सुविधा
अन्य बुनियादी ढाँचागत मुद्दे
भविष्य की योजना: 80,000 मतदान केंद्रों तक पहुंच
यह सफलता केवल शुरुआत है। राज्य सरकार का लक्ष्य बंगाल के सभी 80,000 मतदान केंद्रों पर ऐसे शिविर लगाने का है, ताकि मौके पर ही प्रशासनिक समाधान की व्यवस्था की जा सके। इसका उद्देश्य नागरिकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और सरल तरीके से पहुंचाना है।
ममता बनर्जी ने अपने संदेश में जोर देकर कहा, “हम बंगाल के हर व्यक्ति तक विभिन्न सरकारी लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं… हमारी ‘मां-माटी-मानुष’ सरकार हमेशा आपकी समस्याओं का त्वरित और सार्थक समाधान प्रदान करने के लिए मौजूद है।”
यह पहल पश्चिम बंगाल सरकार की सुशासन (गुड गवर्नेंस) और जनभागीदारी को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
I am feeling extremely happy and proud to announce that within only 26 days, more than one crore people from all over Bengal have visited around 14,500 Amader Para, Amader Samadhan camps, in order to have sustainable solutions to the various issues and problems in and around… pic.twitter.com/ec7i1P5NMS
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 29, 2025