नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली में हाल ही में हुई तेज बारिश के बावजूद यमुना नदी का जलस्तर अब चेतावनी स्तर से नीचे आ गया है। शनिवार दोपहर लगभग तीन बजे यमुना का जलस्तर 204.38 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि यमुना का चेतावनी स्तर 204.50 मीटर है।
बाढ़ नियंत्रण विभाग ने बताया कि जलस्तर घटने के बाद भी कई निचले इलाकों में पानी भरा हुआ है, इसलिए लोगों को सुरक्षा के लिहाज से इन इलाकों में जाने से रोका जा रहा है। प्रशासन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि खतरे से बचाव के लिए यमुना खादर और अन्य निचले इलाकों में आवाजाही पर पाबंदी अभी बनी रहेगी।
जलस्तर में उतार-चढ़ाव
शुक्रवार को हथिनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर 204.50 मीटर के चेतावनी स्तर से बढ़कर 205.19 मीटर तक पहुंच गया था। उस समय उम्मीद जताई जा रही थी कि जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर सकता है, जिससे दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता।
हालांकि, शनिवार देर शाम से यमुना का जलस्तर घटने लगा और अब यह पुनः चेतावनी स्तर से नीचे आ गया है। बाढ़ नियंत्रण विभाग ने बताया कि अब हथिनी कुंड बैराज से भी पानी छोड़ने की मात्रा कम कर दी गई है, जिससे जलस्तर में और बढ़ोतरी की संभावना नहीं है।
ओखला बैराज का पूर्ण रूप से खोलना और उसका प्रभाव
दिल्ली में शनिवार को हुई बारिश के बाद प्रशासन ने जलस्तर को नियंत्रण में रखने के लिए ओखला बैराज को पूरी तरह खोल दिया। इससे यमुना में पीछे से आने वाला पानी तेजी से बाहर निकल गया और जलस्तर नियंत्रित रहा।
इसके कारण यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर नहीं गया, जिससे बड़े पैमाने पर बाढ़ का खतरा टल गया।
खादर क्षेत्र में सतर्कता और सुरक्षा उपाय
हालांकि यमुना का जलस्तर नियंत्रण में है, लेकिन खादर क्षेत्र के गड्ढों में पानी भरा हुआ है। इस कारण खादर क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने खादर में जाने पर पाबंदी लगा दी है।
वोट क्लब जैसे अन्य निचले इलाकों में भी प्रशासन और सुरक्षा बल लगातार निगरानी रख रहे हैं ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना से निपटा जा सके।
निष्कर्ष
यमुना नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर से नीचे आना दिल्ली के लिए राहत की बात है, लेकिन प्रशासन की सतर्कता अभी भी बनी हुई है। निचले इलाकों में पानी भरे होने के कारण लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबंध लागू हैं।
बाढ़ नियंत्रण विभाग और स्थानीय प्रशासन मिलकर सतत निगरानी कर रहे हैं ताकि जलस्तर में किसी भी बदलाव के तुरंत प्रभावी कदम उठाए जा सकें। जनता से भी अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित रहें।