Thursday, August 7, 2025
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शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ हुआ, लेकिन अभी भी बहुत काम बाकी है : मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

-मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया डीयू के सोशल सेंटर स्कूल के नए शैक्षणिक भवन का उद्घाटन

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सोशल सेंटर स्कूल के नए शैक्षणिक भवन का उद्घाटन मंगलवार, 5 अगस्त को किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुझे बड़ी खुशी है कि दिल्ली विश्वविद्यालय लगातार ऊंचाइयों के परचम लहरा रहा है। मुझे खुशी है कि एक स्कूल जो दिल्ली विश्वविद्यालय ने बनाया और संभाला, वह स्कूल 1947 से लेकर 2025 तक आजादी की उम्र के बराबर बढ़ता गया। इस अवसर पर दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे जबकि समारोह की अध्यक्षता डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने की। समारोह के दौरान घोंडा विधानसभा के विधायक अजय महावर, तिमारपुर विधानसभा के विधायक सूर्य प्रकाश खत्री, डीयू दक्षिणी दिल्ली परिसर की निदेशक प्रो. रजनी अब्बी एवं डीयू रजिस्ट्रार डॉ विकास गुप्ता बतौर विशेष अतिथि उपस्थित रहे।

स्कूल के भवन का उद्घाटन मौरिस नगर स्थित स्कूल परिसर में किया गया जबकि उद्घाटन समारोह सभा का आयोजन डीयू के वाइस रीगल लॉज स्थित कोन्वेंशन हाल में हुआ। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्रीमति रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भी ढेरों कमियां देश में चल रही थी। बदलाव की कुछ कुछ बयार बहने लगी, थोड़ा-थोड़ा फर्क हमने 2014 के बाद से देखा, शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है, पर बहुत सारा काम होना अभी बाकी है। मुख्यमंत्री ने कहा की भारत एक समय में अपनी शिक्षा के लिए जाना जाता था, हमारे विश्वविद्यालय विश्व के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में थे। हमारी शिक्षा में वो ग्रंथ, वो किताबें आज भी ब्रह्मांड का पूरा फिजिक्स, इकोनॉमिक्स सब कुछ लिए बैठी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या हम डीयू के साथ मिलकर ऐसा सिस्टम तैयार कर सकते हैं कि शैक्षणिक ढांचा सरकार तैयार करे, पर उसके अंदर अकादमिक ढांचा तैयार करने में विश्वविद्यालय की सहभागिता हो। विशेष रूप से आज सरकारी स्कूल में जो बच्चे हैं और विश्ववियालय के जो विद्यार्थी हैं उन्हें हमें आपस में जोड़ना चाहिए। हर कॉलेज को दो या तीन स्कूलों से जोड़ा जाए। और कोलेजों के विद्यार्थी साप्ताहिक या पाक्षिक तौर पर वहां जाएं और उस स्कूल में जाकर उन बच्चों को मोटिवेट भी करें व उनके साथ समय बिताएं तथा उनमें नई आशाएं जगाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति को चाहिए कि मेरे बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले। कॉलेज में एडमिशन लेने में सरकारी संस्थानों की इतनी अहमियत है कि लोग उसमें दाखिला लेना चाहते हैं। दूसरी ओर प्राइवेट सैक्टर के कॉलेज बाहें फैलाए बैठे रहते हैं कि आइये, आप बोलिए कि आपको कैसे एडमिशन देना है। यही शिक्षा का स्तर हमें प्राइमरी और सेकेंडरी में लेकर आना है। जब सरकार के पास लोग लाइन लगाकर कहें कि हमें कृपया सरकारी स्कूल में एडमिशन चाहिए। सरकारी स्कूल प्राथमिकता हो जाएं और प्राइवेट स्कूल दूसरी पसंद । जब सरकारी स्कूल में दाखिला ना मिले तब व्यक्ति प्राइवेट स्कूल की ओर जाए।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “भारत के बच्चे को आज भी यदि ईडबल्यूएस में एडमिशन हो जाए, किस कॉलेज में जाऊं, किस कोर्स में लूँ, मुझे नहीं मिल रहा एडमिशन, और बच्चों को धक्के खाने पड़ें, प्राइमरी से लेकर और पोस्ट ग्रेजुएशन तक, तो ये नहीं चलेगा; ऐसा हम सब लोग तय कर लें। जैसे मोदी जी ने अपनी सरकार के चलते तय किया कि सैंकड़ों कॉलेज, ढेरों यूनिवर्सिट्ज़ आईआईटी, आईआईएम, मेडिकल कॉलेज बनाए गए, हर तरीके से उन्होंने पूरे देश में शिक्षा जगत में अनेकों काम किए; ऐसे ही हम सबको मिलकर दिल्ली में एजुकेशन में प्राइमरी से पोस्टग्रेजुएशन तक हर जगह बहुत काम करने की आवश्यकता है।”

हमारी सरकार का सबसे बड़ा मूल मंत्र शिक्षा का लोकतांत्रिकरण: शिक्षा मंत्री आशीष सूद

उद्घाटन समारोह के विशिष्ट अतिथि दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने अपने संबोधन में स्कूल के भवन को लेकर कहा कि मुझे इस शानदार इमारत में ईंट-पत्थर नहीं दिखते, बल्कि मुझे तो इसमें विकसित दिल्ली और विकसित भारत बनाने वाले जिम्मेवार नागरिक दिखते हैं। आने वाले समय में आपको इसमें अत्याधुनिक स्मार्ट क्लासरूम और मॉडर्न लैब मिलेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ऐसी पोटेंशियल एनर्जी का स्थान है जहां से आपकी क्रिएटिविटी को पंख लगाने वाले टूल्स मिलेंगे। आप पोटेंशियल एनर्जी का वो भंडार हैं जो विकसित दिल्ली और विकसित भारत बनाने के लिए जरूरी है। अपनी पोटेंशियल एनर्जी को काइनेटिक एनर्जी में कन्वर्ट करें।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का सबसे बड़ा मूल मंत्र शिक्षा का लोकतंत्रिकरण है। इसको आगे बढ़ाने के लिए कल ही दिल्ली स्कूल एजुकेशन बिल को हम लेकर लेकर आए हैं, जिसमें पहली बार दिल्ली में अगर बच्चों की फीस बढ़ेगी तो उसका फैसला करने वाली कमेटी में अभिभावकों को शामिल किया गया है जोकि शिक्षा में बराबर के स्टेक होल्डर्स हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जो 18 लाख बच्चे पढ़ते हैं, उनके लिए हर सरकारी स्कूल में स्मार्ट क्लासरूम से लेकर एआई अनेबल्ड लैब्स आदि पहुँचाने का काम हम मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी के नेतृत्व में करेंगे। क्योंकि अवसरों की समानता में नरेंद्र मोदी जी के विश्वास को हम धरातल पर उतरना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एक स्कूल के बदलाव से कुछ नहीं होता, हम हर स्कूल में बदलाव लाएंगे।

रिकॉर्ड 21 महीने में बन कर तैयार हुआ 27 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से नया भवन: कुलपति प्रो. योगेश सिंह

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व की बात है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और स्थानीय विधायक भी दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थी रहे हैं। उन्होंने स्कूल के नए भवन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 27 करोड़ रुपए की अधिक लागत से बना यह भवन रिकॉर्ड 21 महीने में बन कर तैयार हुआ है। कुलपति ने कहा कि आज देश प्रेम और राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण की आवश्यकता है। हमें ‘ये देश है मेरा’ के भाव पर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि आपको अच्छे बच्चे बनना है। आपको लेने वाले नहीं बल्कि देने वाले बनना है। कठिनाइयाँ ज़िंदगी का हिस्सा होती हैं, कभी रोने वाले नहीं बनना। आपका स्कूल से और इस विश्वविद्यालय से एक मजबूत रिश्ता है। समारोह के आरंभ में डीयूएससी की गवार्निंग बॉडी के अध्यक्ष हमेन्द्र डांगी ने अतिथियों का स्वागत किया और समारोह के समापन पर स्कूल की वाइस प्रिंसिपल डॉ गरिमा भारती ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

सीएम ने दी ‘यू स्पेशल’ बसों की सौगात

मुख्यमंत्री श्रीमति रेखा गुप्ता ने अपनी पढ़ाई के दिनों में दिल्ली यूनिवर्सिटी के सामी को याद करते हुए बताया कि उस समय यू स्पेशल बसें चला करती थी। वो बस हमारी अपनी थी उसमें किसी और की एंट्री नहीं थी। समय के साथ साथ वो बसें कहीं गायब हो गई। मुख्यमंत्री ने मंच से सभी विद्यार्थियों को अपनी ओर से यू स्पेशल का उपहार देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार फिर से यू स्पेशल शुरू कर रही है। ये बसें सिर्फ दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए होंगी, जो विशेष रूप से विश्वविद्यालय के रूट पर रहेंगी।

शिक्षामंत्री ने किया ‘कूड़े से आजादी’ ड्राइव से जुड़ने का आह्वान

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने ‘कूड़े से आजादी’ स्वछता अभियान से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि डीयू के कालेज अपने-अपने नजदीक एक-एक स्पॉट चिन्हित करें और उसे मॉडल बनाएं। अपने कॉलेज की उस लोकेशन को हमें दें। जिन कॉलेजों में रिसर्च होती है, तकनीकी काम होते हैं, वहां के लोग हेकथोन, आईडियोथोन करें। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि स्वछता अभियान में भाग लें। आइये हम निर्णय लें कि ‘कूड़े से आजादी’ ड्राइव को सफल बनाएं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि क्या हम 31 अगस्त को ऐसा लक्ष्य लें कि गिनीज़ बूक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दिल्ली का नाम आए कि एक दिन सबसे ज्यादा लोग एक साथ उतरे, स्वछता करने के लिए। उन्होंने आह्वान किया कि संस्थागत तौर पर इसमें डीयू भी हमारे साथ जुड़े।

बेसमेंट सहित चार मंज़िला भवन में हैं 21 कमरे

16754 वर्गमीटर क्षेत्रफल के प्लॉट पर बने इस नए भवन की परियोजना लागत करीब 27.21 करोड़ रुपए रखी गई थी। सिंगल ब्लॉक की इस इमारत में बेसमेंट के अलावा ग्राउंड फ्लोर सहित चार मंज़िलें बन कर तैयार हो चुकी हैं। भवन का बेसमेंट क्षेत्र 697.0 वर्ग मीटर है जबकि कुल निर्मित क्षेत्र (ममटी और मशीन रूम सहित) 3709.07 वर्गमीटर है। भवन की अधिकतम ऊंचाई (मशीन कक्ष सहित) 19.15 मीटर है। इस भवन में क्लास रूमों व प्रयोगशालाओं सहित कुल 21 कमरों का निर्माण किया गया है।

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