Sunday, October 19, 2025
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दिल्ली-एनसीआर के लिए ‘ग्रीन हार्ट’ बनेगा मातृ वन, अरावली में 750 एकड़ भूमि पर हो रहा विकास

गुरुग्राम, (वेब वार्ता)। दिल्ली-एनसीआर के पर्यावरण को संजीवनी देने के उद्देश्य से हरियाणा के गुरुग्राम स्थित अरावली क्षेत्र में “मातृ वन” परियोजना की शुरुआत की गई है। यह परियोजना न केवल क्षेत्र की हरित आच्छादन को बढ़ाएगी, बल्कि आने वाले समय में पूरे एनसीआर के लिए ‘ग्रीन हार्ट’ (हरित हृदय) के रूप में जानी जाएगी। शनिवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य तथा ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने इस परियोजना का शिलान्यास और पौधारोपण करके शुभारंभ किया।


अरावली में 750 एकड़ में विकसित होगा मातृ वन

इस परियोजना के अंतर्गत 750 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक जैव विविधता आधारित वन क्षेत्र विकसित किया जा रहा है, जो न केवल स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्स्थापित करेगा, बल्कि दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता सुधारने में भी महत्त्वपूर्ण योगदान देगा। मातृ वन में स्थानीय प्रजातियों जैसे पीपल, बरगद, गुल्लर, नीम, इमली, बांस और औषधीय पौधों का वृक्षारोपण किया जाएगा।


स्कूली बच्चों ने लिया हिस्सा, मंत्री ने किया संवाद

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस मौके पर स्कूली बच्चों से मुलाकात की और उन्हें पौधारोपण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि “यह वन दिल्ली-एनसीआर के लिए शुद्ध वायु का स्रोत बनेगा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की आत्मा को साकार करता है।


‘एक पेड़ मां के नाम’ और ‘मिशन लाइफ’ जैसे अभियानों से प्रेरित

भूपेंद्र यादव ने बताया कि मातृ वन परियोजना प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आरंभ किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम’ और ‘Mission LiFE’ (Lifestyle for Environment) जैसे अभियानों से प्रेरित है, जिनका उद्देश्य जनभागीदारी के साथ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है।


कोयंबटूर की तर्ज पर बनेगा तितली पार्क

उन्होंने हरियाणा वन विभाग को कोयंबटूर के तितली पार्क की तर्ज पर गुरुग्राम में भी एक ‘बटरफ्लाई पार्क’ विकसित करने का सुझाव दिया। साथ ही उन्होंने इसमें औषधीय पौधों को प्राथमिकता देने की बात कही, जिससे यह स्थान पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित हो सकेगा।


हरियाली को मिलेगा बढ़ावा, कार्बन उत्सर्जन में आएगी कमी

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि मातृ वन परियोजना भारत के हरित भविष्य की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि कोयले के विकल्प के रूप में सौर, हाइड्रो और न्यूक्लियर एनर्जी को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत ने वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट न्यूक्लियर एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य रखा है।


‘प्राणवायु देवता’ और ‘वन मित्र योजना’ पर होगा जोर

उन्होंने बताया कि पर्यावरण को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार जल्द ही प्राणवायु देवता और वन मित्र योजना जैसे अभियानों को प्रभावी रूप से लागू करेगी, जिससे जन-जन तक पर्यावरण संरक्षण का संदेश पहुंचेगा।


निजी भागीदारी: 10 एकड़ भूमि पर कार्यरत मैप्सको समूह

इस कार्यक्रम में मैप्सको समूह के प्रबंध निदेशक पंकज सिंगला ने बताया कि उनकी कंपनी को 10 एकड़ भूमि पर पौधारोपण अभियान चलाने का अवसर मिला है, जो एक पेड़ मां के नाम अभियान के अनुरूप है। क्रेडाई हरियाणा के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि परियोजना में 150 एकड़ भूमि पर 20 डेवलपर्स की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।


मातृ वन में होंगे विशेष आकर्षण

  • नक्षत्र वाटिका: जहां 27 नक्षत्रों के अनुसार पौधों का रोपण किया जाएगा।

  • राशि वाटिका: ज्योतिष आधारित पौधारोपण।

  • बटरफ्लाई पार्क: रंग-बिरंगी तितलियों को आकर्षित करने वाले पौधे।

  • औषधीय पौधों का विस्तृत क्षेत्र

  • स्थानीय वनस्पतियों की बहाली और संरक्षण


निष्कर्ष

मातृ वन न केवल एक पारिस्थितिक समाधान है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक, सामाजिक और पर्यावरणीय आंदोलन का प्रतीक है। यह परियोजना भविष्य की पीढ़ियों को एक स्वस्थ, स्वच्छ और हरित पर्यावरण प्रदान करने की दिशा में मजबूत कदम है।

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