नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। रक्षाबंधन के पावन अवसर पर क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने दिल्ली में सांप्रदायिक सौहार्द दिवस मनाते हुए भाईचारे और कौमी एकता का मजबूत संदेश दिया। शनिवार को केवाईएस के कार्यकर्ताओं ने पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद क्षेत्र में जाकर विभिन्न समुदायों के लोगों को राखी बांधी और सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया।
बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा पर केवाईएस की चिंता
केवाईएस ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में तेज़ी आई है, जिससे अल्पसंख्यक समुदायों में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है। संगठन ने आरोप लगाया कि मौजूदा आरएसएस-भाजपा सरकार और उससे जुड़े संगठन सांप्रदायिकता को बढ़ावा देकर नफरत का वातावरण बना रहे हैं।
केवाईएस के नेताओं का कहना है कि यह सांप्रदायिक माहौल देश के आर्थिक संकट, महंगाई, बेरोजगारी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते अपराध, तथा स्वास्थ्य सेवाओं की कमी जैसे गंभीर मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास है।
ब्रिटिश काल में सांप्रदायिक एकता की भूमिका याद की
अभियान के दौरान केवाईएस के कार्यकर्ताओं ने स्वतंत्रता संग्राम में सांप्रदायिक एकता की ऐतिहासिक भूमिका को याद किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार भारत के विभिन्न समुदायों ने मिलकर ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई थी और एकजुट होकर स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी।
संगठन ने संकल्प लिया कि वे आज भी सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ समानता, भाईचारे और सौहार्द के संदेश को देश के हर कोने तक पहुंचाएंगे और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।
निष्कर्ष
रक्षाबंधन के इस पावन त्योहार पर केवाईएस द्वारा सांप्रदायिक सौहार्द दिवस मनाना न केवल भाईचारे का प्रतीक है, बल्कि देश में बढ़ती सांप्रदायिकता के खिलाफ एक सशक्त विरोध भी है। संगठन का यह संदेश सभी धर्मों और समुदायों के बीच प्रेम, शांति और एकता की भावना को मजबूत करने का प्रयास है।