सोनीपत, राजेश आहूजा (वेब वार्ता)। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में 1 सितंबर 2025 को 7 घंटों तक 2,72,645 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो अगले 30 घंटों में सोनीपत पहुंचने की संभावना है। इस भारी जल प्रवाह के कारण जिला प्रशासन ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए तत्काल सुरक्षात्मक उपाय शुरू कर दिए हैं। उपायुक्त सुशील सारवान ने बताया कि यमुना के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और उनके पशुधन की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
उपायुक्त सुशील सारवान ने बताया कि यमुना नदी के किनारे बसे गांवों में मुनादी कराई जा रही है, जिसमें लोगों को नदी के पास न जाने की हिदायत दी गई है। प्रशासन ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि क्षेत्र की गहन जांच की जाए ताकि कोई भी व्यक्ति यमुना के बांध क्षेत्र में मौजूद न रहे। उन्होंने कहा,
“हमारी प्राथमिकता लोगों की जान-माल की सुरक्षा है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
सारवान ने आगे बताया कि गांवों के सरपंचों और नंबरदारों के साथ तालमेल कर स्कूलों, चौपालों और अन्य उपयुक्त स्थानों पर अस्थायी आश्रय स्थल तैयार किए जा रहे हैं। यह व्यवस्था आपात स्थिति में ग्रामीणों और उनके पशुधन के लिए उपयोग में लाई जाएगी। राई क्षेत्र के नायब तहसीलदार अभिनव गौतम ने गांव-गांव जाकर लोगों को सतर्क किया और पानी से दूर रहने की सलाह दी।
भारी बारिश की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी को देखते हुए उपायुक्त ने सभी फील्ड अधिकारियों को 5 सितंबर 2025 तक अपने मुख्यालय पर तैनात रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस दौरान कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बिना पूर्व अनुमति के अवकाश नहीं ले सकेगा।
“हमारी टीमें किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सभी अधिकारी स्थिति पर कड़ी निगरानी रखें।” – सुशील सारवान, उपायुक्त, सोनीपत
उपायुक्त ने नागरिकों से अपील की कि वे मौसम विभाग की सलाह का पालन करें और बाढ़ प्रभावित या जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। प्रशासन ने नदी किनारे बसे गांवों में निगरानी बढ़ा दी है और किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
सोनीपत पर संभावित प्रभाव
हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया 2,72,645 क्यूसेक पानी अगले 30 घंटों में सोनीपत पहुंच सकता है, जिससे नदी का जलस्तर बढ़ने और बाढ़ की स्थिति बनने की आशंका है। यमुना नदी के किनारे बसे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, और प्रशासन ने इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा है। खासकर, खेती-बाड़ी और पशुधन पर इस जल प्रवाह का गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
पिछले रिकॉर्ड्स के अनुसार, 2023 में हथिनी कुंड बैराज से 3,59,760 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जिससे भारी बाढ़ आई थी। इस बार भी प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता और पहले से ही सभी जरूरी कदम उठा रहा है।
प्रशासन की अपील
उपायुक्त सुशील सारवान ने नागरिकों से अपील की है कि वे यमुना नदी के किनारे न जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में जिला प्रशासन पूरी तरह से सहायता के लिए तैयार है। ग्रामीणों से अनुरोध है कि वे अपने पशुधन को सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं और बच्चों को नदी के पास खेलने से रोकें।