नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) ने सिख धर्म के नौवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित 57 गुरमत समागमों की श्रृंखला का शुभारंभ गुरुद्वारा सीसगंज साहिब से किया। इस पावन अवसर पर विशेष कीर्तन दरबार, सहज पाठ, सिख इतिहास के प्रसंग और गुरु साहिब की शहादत को समर्पित प्रवचन आयोजित किए गए।
इस ऐतिहासिक पहल की जानकारी देते हुए कमेटी के प्रधान सरदार हरमीत सिंह कालका, जनरल सेक्रेटरी सरदार जगदीप सिंह काहलों और धर्म प्रचार कमेटी के चेयरमैन सरदार जसप्रीत सिंह करमसर ने बताया कि यह समस्त आयोजन दिल्ली के विभिन्न गुरुद्वारों में चरणबद्ध रूप से आयोजित किए जाएंगे। इसमें स्थानीय सिंह सभाओं, अन्य गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों और संगतों की भागीदारी को भी जोड़ा जा रहा है।
✳️ गुरु तेग बहादुर साहिब का बलिदान: मानवता की रक्षा की मिसाल
संगत को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने उस समय जबरन धर्मांतरण और अत्याचार के विरुद्ध आवाज़ उठाकर, हिंदू धर्म की रक्षा हेतु अपनी शहादत दी। दिल्ली के चांदनी चौक स्थित गुरुद्वारा सीसगंज साहिब में उनका बलिदान आज भी एक प्रेरणास्रोत है। उनके साथ भाई मती दास, भाई सती दास, और भाई दियाला जी जैसे योद्धाओं की शहादतें सिख इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठ हैं।
🗓️ लाल किले में होगा समापन समागम
गुरमत समागमों की इस श्रृंखला की शुरुआत 15 अप्रैल को भाई लखी शाह वंजारा हॉल में सहज पाठ से हुई थी और इसका समापन लाल किले में 23, 24 व 25 नवंबर को तीन दिवसीय भव्य गुरमत समागमों के साथ किया जाएगा।
गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के ऐतिहासिक स्थल लाल किला में समापन का उद्देश्य संगत को उस स्थान से जोड़ना है, जहाँ से गुरु जी के शहीद होने का आदेश जारी हुआ था।
🙏 संगत से भागीदारी की अपील
कमेटी ने संगत से अपील की है कि वे इन समागमों में बढ़-चढ़कर भाग लें, इतिहास को जानें और आने वाली पीढ़ियों तक सिख विरासत और गुरु साहिब की शिक्षाओं को पहुँचाएं। कार्यक्रमों के माध्यम से धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक चेतना को पुनः जागृत किया जाएगा।