नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने शनिवार को अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर चांदनी चौक के ऐतिहासिक टाउन हॉल पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर पूर्व मंत्री हारुन यूसूफ, कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन अनिल भारद्वाज, पूर्व विधायक हरी शंकर गुप्ता, आसिफ मोहम्मद खान सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता उपस्थित रहे।
“करो या मरो” आंदोलन और शहीदों का बलिदान
देवेंद्र यादव ने अपने संबोधन में कहा कि 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी के नेतृत्व में शुरू हुआ भारत छोड़ो आंदोलन, ‘करो या मरो’ के नारे के साथ अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम की एक निर्णायक लड़ाई थी। इस आंदोलन ने देशवासियों को एकजुट किया और अंततः अंग्रेजों को 15 अगस्त 1947 को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
यादव ने कहा, “यह दिन उन सभी क्रांतिकारियों और शहीदों के बलिदान को याद करने का दिन है, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राण न्योछावर किए। उनकी बहादुरी और त्याग को हम कभी नहीं भूल सकते।”
भाजपा पर चुनावी घोटालों और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इस अवसर पर भाजपा सरकार पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने चुनावी घोटालों के माध्यम से लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर कर दिया है। उन्होंने कहा, “140 करोड़ देशवासियों का विश्वास तोड़कर भाजपा लोकतंत्र की नींव को हिला रही है। संवैधानिक मतदान का अधिकार जनता का है, लेकिन सत्ता की भूख में इसे चुराया जा रहा है।”
यादव ने राहुल गांधी के हवाले से भाजपा और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावों में धांधली हो रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि विपक्ष को डिजिटल वोटर लिस्ट क्यों नहीं दी जा रही, सीसीटीवी फुटेज मिटाए जा रहे हैं, और वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां क्यों हो रही हैं।
चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
देवेंद्र यादव ने चुनाव आयोग पर भाजपा के एजेंट की तरह काम करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष रहता तो देश की जनता भाजपा के काले कारनामों को देख पाती। लेकिन चुनाव आयोग भी भाजपा के दबाव में आकर अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहा है।”
निष्कर्ष
अगस्त क्रांति दिवस के इस पावन अवसर पर देवेंद्र यादव ने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को याद करते हुए वर्तमान राजनीतिक हालात पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया।