नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। राजधानी दिल्ली को जल्द ही एक आधुनिक और भव्य सचिवालय भवन मिलने जा रहा है। राजघाट पावर प्लांट की खाली पड़ी जमीन पर 1910 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह 35 मंजिला गगनचुंबी इमारत दिल्ली सरकार के सभी विभागों को एक ही छत के नीचे लाने का प्रयास है।
यह परियोजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर प्रस्तावित है और इसके जरिए प्रशासनिक कामकाज की दक्षता, पारदर्शिता और सुविधा को नई ऊंचाई दी जाएगी।
📍 राजघाट पावर प्लांट बना सबसे उपयुक्त स्थान
दिल्ली सरकार ने सचिवालय के लिए जिन चार स्थानों को प्रस्तावित किया है, उनमें 18 एकड़ में फैला राजघाट पावर प्लांट परिसर सबसे उपयुक्त माना गया है। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी मुख्यालय परिसर (खैबरपास), आईपी डिपो के सामने का बंद पावर प्लांट और विधानसभा के पास की जमीन भी सूची में शामिल हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, राजघाट स्थल पर बेहतर सुरक्षा, पार्किंग और भविष्य के विस्तार की पूरी संभावना है।
🧱 पीपीपी मॉडल पर बनेगा सचिवालय, होगी निजी निवेश की भागीदारी
दिल्ली सरकार इस परियोजना को सिविक सेंटर की तर्ज पर पीपीपी मोड में बनाना चाहती है। जैसे निगम मुख्यालय में निर्माण करने वाली कंपनी ने अपने लिए अलग टावर बनाकर लागत निकाली, वैसे ही इस परियोजना में भी निजी निवेशक को निर्माण से व्यावसायिक लाभ का अवसर मिल सकता है।
🕰️ वर्तमान सचिवालय की स्थिति
1982 के एशियन गेम्स के दौरान बनी प्लेयर बिल्डिंग में वर्तमान में दिल्ली सरकार का सचिवालय स्थित है। यह इमारत भूकंप रोधी नहीं है और केवल 19 विभागों को ही इसमें समायोजित किया जा सका है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में संकेत दिए थे कि नई इमारत की जरूरत अब एक प्राथमिकता है।
🏗️ नया सचिवालय: विशेष सुविधाएं और संरचना
नया सचिवालय भवन एक ट्विन टावर के रूप में तैयार होगा, जिसमें निम्नलिखित सुविधाएं होंगी:
हरित और ऊर्जा दक्ष भवन (Green Building)
मुख्यमंत्री, मंत्रियों, मुख्य सचिव, सचिवों और सभी विभागों के कार्यालय
अत्याधुनिक इंटीरियर और हाई-टेक सुविधाएं
2000, 1000 और 500 लोगों की क्षमता वाले तीन ऑडिटोरियम
पुस्तकालय, क्रेच, कैंटीन, फूड कोर्ट, कैफेटेरिया
वाई-फाई, CCTV कैमरे, ऑडियो-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, स्मार्ट लिफ्ट व एस्केलेटर
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting)
ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन और पर्याप्त पार्किंग के साथ टेरेस गार्डन
📉 पुरानी योजनाएं और रुकावटें
2022 में आईटीओ स्थित पीडब्ल्यूडी मुख्यालय परिसर में सचिवालय के दो टावर बनाने की योजना बनी थी, लेकिन धीमी प्रगति और स्थान की सीमाएं इस परियोजना के आड़े आईं। एमएसओ और जीएसटी बिल्डिंग को गिराने की योजना पर भी विवाद था क्योंकि इनकी आयु अभी 30-40 वर्ष शेष है।
राजघाट की जमीन अधिक व्यावहारिक और दीर्घकालिक समाधान के रूप में सामने आई है।
🗣️ मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का विजन
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का स्पष्ट कहना है कि सभी सरकारी विभागों को एक जगह समेटने से कार्य में समन्वय बढ़ेगा, समय की बचत होगी और नागरिकों को बेहतर सेवा मिलेगी।
यह भवन न सिर्फ भव्यता का प्रतीक होगा, बल्कि एक प्रगतिशील, पारदर्शी और डिजिटल दिल्ली प्रशासन की आधारशिला भी बनेगा।