Friday, November 14, 2025
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दिल्ली में बैठकर बिहार में ‘सुपारी किलिंग’ का खेल: ‘सिग्मा एंड कंपनी’ गिरोह ने 5 हत्याएं कीं, रंगदारी मांगी, वर्चुअल नंबर से धमकियां

नई दिल्ली | वेब वार्ता

दिल्ली पुलिस ने रोहिणी इलाके में एक मुठभेड़ में सिग्मा कंपनी केरंजन पाठक, मनीष पाठक, अमन ठाकुर, और बिमलेश महतो जैसे 4 बदमाशों को ढेर कर दिया है। ये बिहार के सीतामढ़ी जिले के अपराधी दिल्ली में रहकर अपनी ‘सिग्मा एंड कंपनी’ चला रहे थे। यह कंपनी सुपारी किलिंग और रंगदारी मांगने का गिरोह थी, जो वर्चुअल नंबरों से बिहार के व्यापारियों, नेताओं को धमकाती थी। पुलिस ने इनके कब्जे से हथियार, फोन, और वीडियो बरामद किए हैं, जिसमें वे वारदातों की जिम्मेदारी लेते दिख रहे हैं। पिछले 3 महीनों में इस गिरोह ने 5 हत्याएं और 2 रंगदारी की घटनाएं कीं। दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) शशांक आनंद ने कहा, “यह गैंग नहीं, कंपनी थी। दिल्ली से बिहार में वारदातें कर दिल्ली लौट आते।”

यह गिरोह बिहार में दहशत का पर्याय था। दिल्ली में रहकर वे वर्चुअल नंबरों से फोन करते थे, जिनकी लोकेशन दूसरे देशों की आती थी। रंगदारी न मिलने पर बिहार जाकर हत्याएं करते और दिल्ली लौट आते। गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि वे एक राजनेता की हत्या की साजिश रच रहे थे। आइए, इस गिरोह के इतिहास, वारदातों, गिरफ्तारी, और पुलिस कार्रवाई को विस्तार से समझते हैं।

‘सिग्मा एंड कंपनी’: गैंग नहीं, ‘कॉर्पोरेट’ किलिंग मशीन

सिग्मा एंड कंपनी बिहार के सीतामढ़ी का गिरोह था, जिसका सरगना रंजन पाठक था। रंजन पसु किलिंग के लिए कुख्यात था। गिरोह के अन्य सदस्य मनीष पाठक, अमन ठाकुर, और बिमलेश महतो दिल्ली में रहते थे। अमन (नांगलोई) और मनीष (करावल नगर) ने रंजन और बिमलेश को शरण दी थी। गिरोह व्यापारियों, नेताओं से रंगदारी मांगता था और सुपारी पर हत्याएं करता था।

गिरोह की रणनीति

  • वर्चुअल नंबर: लोकेशन भारत के बाहर दिखाने के लिए।
  • वारदात का तरीका: रंगदारी न मिलने पर बिहार जाकर हत्या, फिर दिल्ली लौटना।
  • जिम्मेदारी: लारेंस बिश्नोई जैसे गैंग की तरह पर्चे डालकर जिम्मेदारी लेना।
  • विस्तार: गिरोह को बड़ा करने के लिए नए लड़कों को भर्ती कर रहे थे।

पुलिस ने फोन से एक ऑडियो बरामद किया, जिसमें रंजन चुनावों से पहले अशांति फैलाने की बात कर रहा था।

गिरफ्तारी का घटनाक्रम: रोहिणी मुठभेड़ में 4 ढेर

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 22 अक्टूबर को रोहिणी में मुठभेड़ में 4ों को ढेर किया। SP ने बताया, “गिरोह बिहार में वारदात कर दिल्ली आता था। मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी की।”

  • मुठभेड़: रोहिणी में पुलिस ने घेरा। गिरोह ने गोलीबारी की, पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की।
  • बरामद सामान: हथियार, फोन, वर्चुअल नंबर ऐप्स, पर्चे।
  • पहले केस: 18 जुलाई बाजपट्टी हत्याकांड (6 हत्या), 21 जुलाई डुमरा (5 हत्या), 26 सितंबर डुमरा (3 हत्या), 13 अक्टूबर गाढ़ा (रंगदारी), 29 सितंबर चोरौत (6 हत्या)।
  • साजिश: एक राजनेता की हत्या की योजना।

गिरोह की प्रमुख वारदातें: 5 हत्याएं, 2 रंगदारी

1. 18 जुलाई—बाजपट्टी हत्याकांड

  • वारदाता: आदित्य कुमार समेत 6 लोगों की हत्या।
  • कारण: रंगदारी न देने पर।
  • गिरोह का दावा: पर्चा डालकर जिम्मेदारी ली।

2. 21 जुलाई—डुमरा थाना कांड (नंबर 418/25)

  • वारदाता: मदन कुशवाहा समेत 5 हत्या।
  • कारण: सुपारी।

3. 26 सितंबर—डुमरा थाना कांड (नंबर 462/25)

  • वारदाता: ब्रह्मर्षि सेना के पूर्व अध्यक्ष गणेश शर्मा समेत 3 हत्या।
  • कारण: सुपारी।

4. 13 अक्टूबर—गाढ़ा थाना कांड (नंबर 79/25)

  • वारदाता: ₹45 लाख रंगदारी मांगी, न देने पर धमकी।
  • कारण: रंगदारी।

5. 29 सितंबर—चोरौत थाना कांड (नंबर 123/25)

  • वारदाता: सीएसपी दुकान में 6 हत्या।
  • कारण: ₹1.70 लाख सुपारी।

पुलिस ने कहा, “पिछले 3 महीनों में 5 हत्याएं और 2 रंगदारी। गिरोह दहशत का कारण था।”

पुलिस कार्रवाई: 5 हत्याएं, जांच जारी

अपराध शाखा के अधिकारी ने कहा, “मुठभेड़ में 4 ढेर। बिहार पुलिस के साथ संयुक्त जांच।” बिहार पुलिस ने कहा, “गिरोह का नेटवर्क तोड़ेंगे।”

प्रभाव: ‘सिग्मा कंपनी’ का अंत, बिहार में राहत

गिरोह का अंत बिहार के व्यापारियों और नेताओं को राहत देगा। SP ने कहा, “गिरोह को बड़ा करने की साजिश थी।”

 

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