नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। शनिवार सुबह दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जैतपुर के हरि नगर गांव में एक भयानक हादसा हुआ जब पुराने मंदिर के पास स्थित लगभग 100 फुट लंबी समाधि स्थल की दीवार अचानक भरभराकर गिर गई। दीवार के मलबे ने पास की झुग्गियों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में तीन पुरुष, दो महिलाएं, दो लड़कियां और एक बच्चा शामिल हैं।
यह हादसा लगभग सुबह 9:30 बजे हुआ, जब भारी बारिश के कारण अधिकांश लोग अपने घरों में ही मौजूद थे।
बचाव कार्य और अफरातफरी
हादसे की सूचना मिलते ही दिल्ली फायर सर्विस की दो टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया। मलबे में दबे सभी 8 लोगों को बाहर निकाला गया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अस्पताल में इलाजरत घायल हाशिबुल ने भी बाद में दम तोड़ दिया।
पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर मौजूद हैं और खोज एवं बचाव कार्य जारी है। आसपास की झुग्गियों को सुरक्षित रखने के लिए खाली करवा दिया गया है ताकि कोई नया हादसा न हो।
हादसे की संभावित वजह
प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि मंदिर के पास की दीवार बहुत पुरानी और जर्जर हो चुकी थी। लगातार बारिश के कारण उसकी नींव कमजोर हो गई थी, जिससे दीवार गिर गई। विशेषज्ञों का कहना है कि दीवार की नियमित मरम्मत और रखरखाव न होने के कारण यह हादसा हुआ।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि इलाके में पुराने और कमजोर ढांचों की समय-समय पर जांच नहीं की जाती, जिससे आम लोगों की जान जोखिम में पड़ती है।
स्थानीय निवासियों की नाराजगी और प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस दुखद घटना के बाद स्थानीय लोग प्रशासन पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। उनका कहना है कि झुग्गी बस्ती कई वर्षों से यहां मौजूद है और बरसात के मौसम में इस तरह की दुर्घटना की आशंका पहले भी जताई गई थी, पर प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
पुलिस के अनुसार मृतकों में से चार लोग एक ही परिवार के सदस्य थे, जो कबाड़ व्यवसाय से जुड़े थे। चूंकि शनिवार था, इसलिए वे घर पर ही थे।
दिल्ली में जर्जर भवनों की सुरक्षा पर फिर सवाल
यह घटना दिल्ली की कमजोर और जर्जर इमारतों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़ा करती है। मानसून के मौसम में पिछले कुछ वर्षों में कई हादसे ऐसे ही हुए हैं, जिनमें गरीब तबके को अपना जीवन गंवाना पड़ा है।
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि बाकी जोखिमग्रस्त इमारतों की जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर उन्हें गिराया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचा जा सके।
निष्कर्ष
दिल्ली के जैतपुर का यह हादसा सावधानी और नियमित निगरानी की कमी का दर्दनाक परिणाम है। कमजोर संरचनाओं के रखरखाव की अनदेखी आम लोगों की जान के लिए खतरा बन रही है। प्रशासन और स्थानीय प्रशासनिक एजेंसियों को तुरंत प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके।