नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिवाली के त्योहार की चमक के साथ दिल्ली के बाजारों में फूलों की महक भी फैल गई है। गाजीपुर फूल मंडी, जो एशिया की सबसे बड़ी फूल मंडियों में से एक है, सुबह के उजाले से ही रौनक से भर गई। फूलों की ताजा खुशबू, रंग-बिरंगे गेंदे, गुलाब, कमल और लिली की चमक ने मंडी को जन्नत बना दिया। बढ़ती मांग के कारण विक्रेताओं की चांदी कट रही है, लेकिन कीमतों में भी उछाल आ गया है। थोक बाजार में गेंदे ₹40-60 प्रति किलो, गुलाब ₹15-30 प्रति डजिन, और कमल ₹50-80 प्रति किलो तक बिक रहे हैं। खुदरा बाजार में ये दाम दोगुने तक हो जाते हैं।
मंडी सुबह 3 बजे से 11 बजे तक खुली रहती है, लेकिन दिवाली की पूर्व संध्या पर रात भर सक्रिय रहती है। यहां से फूल पूरे दिल्ली-एनसीआर, यूपी और हरियाणा तक पहुंचते हैं।
गाजीपुर मंडी में रंग-बिरंगी चमक: गेंदे-गुलाब की सबसे ज्यादा मांग
गाजीपुर फूल मंडी एशिया की सबसे बड़ी थोक मंडियों में शुमार है, जहां रोजाना 4,000 से अधिक व्यापारी फूलों का कारोबार करते हैं। दिवाली पर गेंदे की मांग सबसे ज्यादा है, जो पूजा, रंगोली और सजावट के लिए जरूरी है। थोक में गेंदे ₹40-60 प्रति किलो बिक रहे हैं, जबकि खुदरा में ₹80-100 तक। गुलाब, जो प्रेम और समृद्धि का प्रतीक है, ₹15-30 प्रति डजिन थोक में मिल रहा है। कमल, दिवाली की पूजा का अभिन्न हिस्सा, ₹50-80 प्रति किलो तक बिक रहा है। लिली, ऑर्किड और ग्लेडियोलस जैसी विदेशी फूल भी ₹100-200 प्रति डजिन तक बिक रहे हैं।
मंडी में हॉलैंड, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया से आयातित फूलों की बहार है। व्यापारी रमेश कुमार ने कहा, “दिवाली पर मांग 5 गुना बढ़ जाती है। हम रात-दिन काम कर रहे हैं, लेकिन कीमतें भी 20-30% ऊपर चली गई हैं।” मंडी में रोजाना 1,000 टन फूलों का कारोबार होता है, जो त्योहार पर दोगुना हो जाता है।
फूलों की कीमतों में उछाल: थोक vs खुदरा
फूल का प्रकार | थोक मूल्य (गाजीपुर मंडी) | खुदरा मूल्य (दिल्ली बाजार) | मांग का कारण |
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गेंदे | ₹40-60 प्रति किलो | ₹80-100 प्रति किलो | पूजा, रंगोली, सजावट |
गुलाब | ₹15-30 प्रति डजिन | ₹50-60 प्रति डजिन | पूजा, उपहार |
कमल | ₹50-80 प्रति किलो | ₹100-150 प्रति किलो | लक्ष्मी पूजा |
लिली | ₹100-150 प्रति डजिन | ₹200-300 प्रति डजिन | सजावट, विदेशी मांग |
ऑर्किड | ₹150-200 प्रति डजिन | ₹300-400 प्रति डजिन | लग्जरी सजावट |
कीमतों में वृद्धि मांग, परिवहन लागत और आयात पर निर्भर है। व्यापारियों का कहना है कि दिवाली पर मांग 5 गुना बढ़ जाती है, जिससे कीमतें 20-30% ऊपर चली जाती हैं।
मंडी की रौनक: सुबह 3 बजे से शुरू होता व्यापार
गाजीपुर मंडी सुबह 3 बजे से सक्रिय हो जाती है, जब ट्रक भर-भरकर फूल आते हैं। व्यापारी, फ्लोरिस्ट और उपभोक्ता सुबह-सुबह फूलों की खरीदारी करते हैं। मंडी में 80 वर्ष पुरानी परंपरा है, जो फतेहपुरी, मेहरौली और कनॉट प्लेस की पुरानी मंडियों का उत्तराधिकारी है। यहां रोजाना 4,000 व्यापारी फूलों का कारोबार करते हैं।
एक व्यापारी ने बताया, “दिवाली पर गेंदे और कमल की मांग सबसे ज्यादा है। हम रात भर काम करते हैं ताकि ताजा फूल मिलें।” मंडी न केवल दिल्ली बल्कि पूरे उत्तर भारत की मांग पूरी करती है। पर्यटकों और फोटोग्राफरों के लिए भी यह आकर्षण का केंद्र है।
दिवाली की मिठास के साथ फूलों की महक ने बाजार को रंगीन बना दिया। व्यापारियों का कहना है कि इस बार मांग पिछले साल से 20% ज्यादा है, लेकिन कीमतों का उछाल उपभोक्ताओं के लिए चुनौती बना हुआ है।