नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली विधानसभा में आज एक तीखा सियासी मंजर देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने विपक्ष पर ‘फांसी घर’ मामले को लेकर बड़ा हमला बोला। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा विधानसभा भवन के एक हिस्से को ‘फांसी घर’ घोषित किए जाने को इतिहास के साथ खिलवाड़, शहीदों की शहादत का अपमान और जनता के साथ धोखा करार दिया।
‘स्क्रिप्टेड ड्रामा’ से जनता को गुमराह किया गया: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने तीखे लहजे में आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल की पूरी राजनीति स्क्रिप्टेड ड्रामे पर आधारित रही है। हर हावभाव, हर बयान और हर परिधान एक पूर्व नियोजित रणनीति का हिस्सा था। उन्होंने बिना किसी ऐतिहासिक प्रमाण के विधानसभा भवन की एक सीढ़ीनुमा संरचना को ‘फांसी घर’ घोषित कर जनता की भावनाओं से खिलवाड़ किया।
इतिहास का गलत चित्रण: भवन की असलियत बताई
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में दिये गए अपने विस्तृत वक्तव्य में बताया कि यह भवन 1912 में बना था और 1913 से 1926 तक यहां इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल की बैठकें आयोजित होती थीं। जिस हिस्से को फांसी घर कहा गया, वह असल में ब्रिटिश काल में अफसरों के लिए बनाई गई सर्विस सीढ़ियां थीं, जिनका उपयोग टिफिन और सामान लाने के लिए होता था।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि असली फांसीघर मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित पुरानी जेल में था, न कि वर्तमान विधानसभा भवन में। ऐसे में यह दावा न केवल भ्रामक है, बल्कि शहीदों की स्मृति के साथ भी घोर अन्याय है।
“फांसी घर” बोर्ड को हटाने और FIR की मांग
रेखा गुप्ता ने विधानसभा अध्यक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता से मांग की कि ‘फांसी घर’ लिखा गया भ्रामक बोर्ड तुरंत हटाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी ऑल इंडिया स्पीकर कॉन्फ्रेंस (24-25 अगस्त) से पहले यह कदम उठाना बेहद जरूरी है, ताकि दिल्ली विधानसभा की गरिमा और साख को कोई आंच न आए।
मुख्यमंत्री ने यह भी खुलासा किया कि इस झूठे प्रचार पर करदाताओं का लगभग 1 करोड़ रुपये विज्ञापन और प्रचार सामग्री पर खर्च किया गया, जो कि जनता के पैसे का दुरुपयोग है। उन्होंने इसकी वसूली, जिम्मेदारों के खिलाफ FIR दर्ज करने और एक विस्तृत जांच की मांग की।
जनता के विश्वास के साथ धोखा: रेखा गुप्ता
मुख्यमंत्री ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि “यह केवल एक राजनीतिक नाटक नहीं है, बल्कि दिल्ली की जनता के विश्वास के साथ खुला धोखा है। हमारी सरकार का दायित्व है कि हम सत्य को सामने लाएं और इस ऐतिहासिक विधानसभा भवन की प्रतिष्ठा को सच्चाई के साथ सुरक्षित रखें।”