नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारत मंडपम में आयोजित पाँच दिवसीय 29वें दिल्ली पुस्तक मेले का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि डिजिटल युग में भी किताबों का आकर्षण कम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “मोबाइल और ई-गैजेट्स के इस दौर में भी किताबें पढ़ने का अपना ही चाव है। किताबों का कोई विकल्प नहीं हो सकता।” यह टिप्पणी न सिर्फ साहित्य के प्रति उनके गहरे जुड़ाव को दर्शाती है बल्कि आज की युवा पीढ़ी को भी पढ़ने की प्रेरणा देती है।
रेखा गुप्ता, जो पूर्व में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष रह चुकी हैं, ने अपने छात्र जीवन से ही प्रेमचंद सहित अन्य महान साहित्यकारों को पढ़ने की आदत साझा की। मेले का उद्घाटन समारोह भाषा, साहित्य और संस्कृति की समृद्धि को समर्पित था। इस अवसर पर दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा भी उपस्थित थे।
मेले की विशेषताएं
29वां दिल्ली पुस्तक मेला इस बार केवल पुस्तकों का उत्सव ही नहीं, बल्कि देशभक्ति और भाषायी एकता का प्रतीक भी है। स्वतंत्रता दिवस को ध्यान में रखते हुए ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से प्रेरित एक सेल्फी पॉइंट भी मेले में लगाया गया है, जहां आगंतुक तिरंगा हाथ में लेकर सेल्फी ले सकते हैं।
दिल्ली सरकार की विभिन्न अकादमियां भी पहली बार इस पुस्तक मेले में भाग ले रही हैं, जिससे साहित्यिक सहभागिता को और गहराई मिलेगी।
सम्मान और समापन समारोह
शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा द्वारा 15 प्रमुख लेखकों और साहित्यकारों को सम्मानित किया जाएगा।
रविवार को दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद समापन समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।
थीम: पुस्तकें और प्रकाशन — बहुभाषी भारत का भविष्य
यह मेला भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) और भारतीय प्रकाशक संघ (FIP) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया है। इस बार की थीम भारत की भाषायी विविधता, प्रकाशन उद्योग और पुस्तक संस्कृति को केंद्र में रखती है।
मेले में 100 से अधिक प्रमुख प्रकाशक भाग ले रहे हैं। हाल नंबर 12 को केवल प्रकाशकों के लिए आरक्षित किया गया है जबकि हाल नंबर 12A में अन्य विक्रेता और सहभागी मौजूद हैं।
छात्रों के लिए विशेष पहल
स्कूल और कॉलेजों को आमंत्रण पत्र भेजे गए हैं ताकि छात्र बड़ी संख्या में मेले में भाग लें। एफआईपी अध्यक्ष नवीन गुप्ता ने बताया, “हमारा उद्देश्य इस बार की शिकायतों को दूर करते हुए, इस मेले को और भी व्यवस्थित तथा पाठक-मित्र बनाना है।”
विशेष आयोजन
मेले के दौरान विभिन्न आयोजनों की भी योजना है:
पुस्तकों के लोकार्पण
संगोष्ठी और व्याख्यान
प्रतियोगिताएं (विशेषकर स्कूली विद्यार्थियों के लिए)