नई दिल्ली (वेब वार्ता)। दिल्ली में दिवाली का त्योहार आने से पहले ही प्रदूषण ने शहरवासियों का दम घुटना शुरू कर दिया है। शनिवार सुबह कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सुबह 11 बजे तक आनंद विहार में सबसे अधिक AQI 387 दर्ज किया गया। बवाना में यह 312 रहा, जबकि वजीरपुर (351), जहांगीरपुरी (342) और सिरि फोर्ट (309) जैसे इलाकों में भी हवा जहरीली हो चुकी है। शहर का औसत AQI 254 के आसपास रहा, जो ‘खराब’ श्रेणी में है।
जहरीली हुई दिल्ली की हवा
दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। CPCB के आंकड़ों के मुताबिक, 38 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से पांच में AQI ‘बहुत खराब’ रहा। आनंद विहार इस सीजन का सबसे प्रदूषित इलाका बन गया, जहां PM2.5 और PM10 का स्तर खतरनाक सीमा पार कर गया। विशेषज्ञों का कहना है कि फसल अवशेष जलाना, वाहनों का धुआं और निर्माण कार्य मुख्य कारण हैं। दिवाली से पहले ही यह स्थिति आने से स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों में AQI 400 के पार जा सकता है।
पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शरद जोशी ने कहा, “AQI में वृद्धि से कणीय प्रदूषक बढ़ रहे हैं, जो सांस की बीमारियों को जन्म दे सकते हैं।” शहर में धुंध की चादर बिछ गई है, और विजिबिलिटी कम हो गई है। अक्षरधाम के पास AQI 230 और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के पास 252 दर्ज किया गया।
स्वास्थ्य सलाह: N-95 मास्क जरूरी
प्रदूषण से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए विशेष सलाह जारी की गई है। अस्थमा, COPD, हृदय रोगियों और बुजुर्गों को N-95 मास्क पहनने की सलाह दी गई है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर रहने को कहा गया है। डॉक्टरों ने एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने, खिड़कियां बंद रखने और ह्यूमिडिफायर चलाने की सिफारिश की है। लंबे समय तक प्रदूषण में रहने से फेफड़ों की क्षति, सांस लेने में तकलीफ और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत स्टेज-1 लागू कर दिया है, जिसमें निर्माण कार्य सीमित करना, वाहनों पर पाबंदी और धूल नियंत्रण के उपाय शामिल हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली के पटाखों से स्थिति और बिगड़ सकती है। दिल्लीवासियों से अपील है कि ग्रीन पटाखे ही इस्तेमाल करें।