नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। मानसून सत्र के पहले दिन दिल्ली विधानसभा के बाहर उस समय जबरदस्त हलचल देखने को मिली, जब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव के नेतृत्व में हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने झुग्गीवासियों के समर्थन में विरोध मार्च निकाला। यह प्रदर्शन 3000 से अधिक जेजे क्लस्टर्स को तोड़ने और 15,000 से अधिक परिवारों को बेघर किए जाने के खिलाफ किया गया।
देवेन्द्र यादव ने इस दौरान भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “कांग्रेस गरीबों की निर्णायक लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध है। हम तानाशाही पुलिस से डरने वाले नहीं हैं।”
🔴 झुग्गी तोड़ो नीति के खिलाफ मोर्चा
प्रदर्शन में कांग्रेस कार्यकर्ता हाथों में झंडे, बैनर और तख्तियां लिए हुए “झुग्गी नहीं तोड़ोगे”, “हर गरीब को घर दो”, जैसे नारे लगाते हुए विधानसभा की ओर बढ़े। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछारें चलाईं, बैरिकेड्स लगाए और कुछ जगहों पर धक्का-मुक्की भी हुई। कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव सहित कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया और सब्जी मंडी थाने ले जाया गया।
🏠 झुग्गी तोड़ो नहीं, पुनर्वास दो
श्री यादव ने बताया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में विस्थापित झुग्गीवासियों से मुलाकात की थी और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद रेखा गुप्ता सरकार को यह घोषणा करनी पड़ी कि “बिना पुनर्वास किसी झुग्गी को नहीं तोड़ा जाएगा।” लेकिन अब तक यह केवल एक राजनीतिक बयान साबित हो रहा है।
🗣️ भाजपा और AAP पर गरीब विरोधी नीतियों का आरोप
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी, दोनों ही सरकारें गरीब विरोधी नीति पर काम कर रही हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि जिनकी झुग्गियां तोड़ी गई हैं, उन्हें उसी क्षेत्र में वैकल्पिक आवास दिया जाए और भविष्य में किसी भी झुग्गी बस्ती को उजाड़ने से पहले पुनर्वास की गारंटी सुनिश्चित की जाए।
🏛️ पूर्व सरकारों का उदाहरण, वर्तमान की विफलता
देवेन्द्र यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकारों ने गरीबों के लिए पुनर्वास कॉलोनियां और राजीव रत्न आवास योजना के अंतर्गत 48,000 फ्लैट तैयार किए थे। लेकिन भाजपा और आप सरकारें उन फ्लैटों को भी गरीबों में वितरित नहीं कर सकीं।
कांग्रेस का आरोप है कि आज जंगपुरा मद्रासी कॉलोनी, कालकाजी, वजीरपुर, अशोक विहार और रेलवे की जमीनों पर बनी झुग्गियों को बिना पुनर्वास उजाड़ा जा रहा है, जो संविधान और मानवता दोनों के खिलाफ है।