नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी के लाखों झुग्गीवासियों को बड़ी राहत देते हुए ऐलान किया है कि अब किसी भी झुग्गी को तब तक नहीं हटाया जाएगा, जब तक झुग्गीवासियों को वैकल्पिक आवास उपलब्ध नहीं कराया जाता। यह निर्णय शुक्रवार को रेलवे, डीडीए और अन्य सरकारी विभागों को स्पष्ट निर्देशों के साथ जारी किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झुग्गी बस्तियां दिल्ली की सामाजिक और मानविक संरचना का हिस्सा हैं, और इन्हें सिर्फ विकास कार्यों के नाम पर उजाड़ना अन्याय होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार झुग्गीवासियों को स्थायीत्व देने और उन्हें दिल्ली का गरिमामयी निवासी बनाने की दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रही है।
50 हजार फ्लैट होंगे झुग्गीवासियों के नाम
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली के बाहरी इलाकों में बने करीब 50 हजार फ्लैट, जो कई सालों से खाली पड़े हैं, उन्हें अब झुग्गीवासियों को पीएमएवाई-यू (प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी) के अंतर्गत दिया जाएगा। ये फ्लैट पहले जेएनएनयूआरएम (जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन) के तहत बनाए गए थे, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारें इनका आवंटन नहीं कर सकीं।
▪️ फ्लैट सुधारने के लिए केंद्र से मिली हरी झंडी
दिल्ली सरकार को जेएनएनयूआरएम के तहत दो एजेंसियों (DUSIB और DSIIDC) को आवंटित 732 करोड़ रुपये की राशि केंद्र सरकार को वापस करनी थी, लेकिन अब इसे फ्लैटों के नवीनीकरण में उपयोग करने की अनुमति मिल गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि ये हजारों फ्लैट अब झुग्गीवासियों को सौंपे जाएंगे, जिससे उन्हें स्थाई और सुरक्षित आवास मिलेगा।
किसी भी झुग्गी को अब नहीं हटाया जाएगा
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दो टूक कहा कि जब तक झुग्गीवासियों को वैकल्पिक आवास नहीं मिलेगा, तब तक कोई भी झुग्गी हटाई नहीं जाएगी। इसके लिए रेलवे, डीडीए और अन्य संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर आवश्यकता पड़ी तो नीति में बदलाव किया जाएगा और न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
दिल्ली में झुग्गियों की स्थिति
कुल झुग्गी बस्तियां: 675
कुल झुग्गियां: 3.06 लाख
फैला क्षेत्रफल: 804.5 हेक्टेयर
ज़मीन स्वामित्व वितरण:
50% डीडीए की भूमि
23% सरकारी/निजी क्षेत्र की भूमि
22% नगर निगम और DUSIB की भूमि
विपक्ष पर निशाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने झुग्गीवासियों को हमेशा वोट बैंक की राजनीति में उलझाकर रखा, जबकि हमारी सरकार उन्हें गरिमामयी जीवन देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार लगातार विभागों के साथ बैठकर निर्णय ले रही है, जिससे झुग्गीवासियों को स्थायीत्व प्रदान किया जा सके।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का यह निर्णय झुग्गीवासियों के लिए न सिर्फ राहत की खबर है, बल्कि यह दिल्ली के शहरी नियोजन की दिशा में एक मानवीय और दूरदर्शी कदम भी माना जा रहा है। अब यह देखना अहम होगा कि इन नीतियों का जमीनी स्तर पर कितना प्रभावी क्रियान्वयन होता है।