नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज एक अभूतपूर्व आपदा प्रबंधन अभ्यास ‘अभ्यास सुरक्षा चक्र’ का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य उच्च तीव्रता वाले भूकंप और संभावित रासायनिक आपदाओं से निपटने की तैयारी को परखना था। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और अन्य विभागों के सहयोग से यह मॉक ड्रिल दिल्ली के 11 जिलों के 55 स्थानों पर आयोजित की गई।
भूकंप और रासायनिक खतरे के संयुक्त परिदृश्य पर आधारित ड्रिल
यह अभ्यास शुक्रवार सुबह 9:03 बजे एक कृत्रिम भूकंप के साथ शुरू हुआ, जिसके तुरंत बाद विभिन्न स्थानों पर प्रतिक्रिया क्रियाएं की गईं। यह मॉक ड्रिल न केवल भूकंप बल्कि उससे उत्पन्न रासायनिक खतरों की प्रतिक्रिया को भी परखने के लिए की गई थी।
स्कूलों, अस्पतालों, औद्योगिक क्षेत्रों, बाजारों, सरकारी दफ्तरों, मेट्रो सुविधाओं और शहरी बस्तियों में इस ड्रिल को क्रियान्वित किया गया। इसका उद्देश्य न केवल जनता को जागरूक करना था, बल्कि आपदा के समय में प्रशासनिक समन्वय, संचार नेटवर्क और रेस्पॉन्स टाइम की भी जांच करना था।
20 से अधिक विभागों की सक्रिय भागीदारी
इस अभ्यास में दिल्ली पुलिस, फायर सर्विस, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व, शिक्षा विभाग, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली नगर निगम, परिवहन, PWD, होम गार्ड, निजी अस्पताल, स्कूल प्राधिकरण, मेट्रो रेल, बाजार संघ और रहवासी कल्याण संघों सहित 20 से अधिक विभागों ने भाग लिया।
ड्रिल के अंतर्गत पश्चिम दिल्ली, उत्तर-पूर्वी दिल्ली और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्रों और गोदामों में रासायनिक आपदा पर केंद्रित अभ्यास किए गए।
राज्य आपातकालीन केंद्र की 24×7 निगरानी
पांच शामनाथ मार्ग स्थित राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र पूरे अभ्यास के दौरान क्रियाशील रहा। यहां से सभी 11 जिलों के आपातकालीन संचालन केंद्रों के साथ लाइव समन्वय किया गया। वेबकास्टिंग, मोबाइल रिपोर्टिंग और कंट्रोल रूम की सहायता से वास्तविक समय पर रिपोर्टिंग और मूल्यांकन संभव हो सका।
भविष्य के लिए तैयार दिल्ली
यह मॉक ड्रिल NDMA के उस राष्ट्रव्यापी प्रयास का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों को आपदा लचीला (Disaster Resilient) बनाना है। दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले और बहु-आयामी शहरी क्षेत्र के लिए यह अभ्यास न केवल वर्तमान तैयारियों का मूल्यांकन करने का एक माध्यम था, बल्कि आगामी वर्षों के लिए रणनीति निर्माण का एक आधार भी बनेगा।