चेन्नई, (वेब वार्ता)। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आरोप लगाया कि तमिलनाडु की कुछ ताकतों ने तमिल मनीला कांग्रेस के संस्थापक एवं दिवंगत नेता जी. के. मूपनार को प्रधानमंत्री बनने से रोक दिया था।
वित्तमंत्री सीतारमण ने यह टिप्पणी मूपनार की 24वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद की। उन्होंने कहा कि यह वही ताकतें थीं जो अक्सर तमिल संस्कृति और तमिल भाषा को बढ़ावा देने की बात करती हैं, लेकिन अवसर आने पर मूपनार को प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने से रोक दिया।
मूपनार की सादगी और ईमानदारी का उदाहरण
सीतारमण ने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा कि मूपनार अपनी सादगी और ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। वे एक राष्ट्रवादी नेता थे और उनका कद इतना प्रभावशाली था कि उन्हें बिहार, हरियाणा और देशभर में सम्मान प्राप्त था।
उन्होंने कहा, “मूपनार का कद प्रभावशाली था। उन्हें जानने वाले उनकी बातों का सम्मान करते थे और एकजुट होकर काम करते थे। जब उनके प्रधानमंत्री बनने का अवसर आया, तो कुछ ताकतों ने उन्हें रोक दिया। यह तमिलनाडु के अब तक के सबसे बड़े विश्वासघातों में से एक है।”
श्रद्धांजलि और राजनीतिक संकेत
सीतारमण ने अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (AIADMK) महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी, भाजपा नेता अन्नामलाई और अन्य नेताओं के साथ मिलकर चेन्नई के तेनाम्पेट स्थित मूपनार स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
उन्होंने कहा कि इस टिप्पणी को राजनीतिक बयानबाजी के रूप में न देखा जाए, क्योंकि यह कार्यक्रम श्रद्धांजलि देने के लिए था। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तमिलनाडु की राजनीति में बदलाव की आवश्यकता है और जनता सुशासन चाहती है।
राज्य की राजनीति पर तीखे आरोप
सीतारमण ने बिना नाम लिए आरोप लगाया कि राज्य में एक परिवार ड्रग्स और शराब बेचकर राजनीति चला रहा है। उन्होंने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के बीच कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन सभी को एकजुट होकर तमिलनाडु की जनता के लिए काम करना होगा।
उन्होंने जोर दिया कि यही मूपनार को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।